लखनऊ, उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में गौ आश्रय स्थलों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि गोवंश के ठंड से बचाव के लिए त्रिपाल, अलाव और अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी गोवंश की ठंड से मृत्यु बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पशुचिकित्साधिकारी गो आश्रय स्थलों पर जाकर गोवंश के उत्तम स्वास्थ्य, चिकित्सा और औषधियों की व्यवस्था का निरीक्षण करें।मंत्री ने कहा कि जनपद के नोडल अधिकारी नियमित रूप से गो आश्रय स्थलों का निरीक्षण करें और चारा, भूसा, पानी, प्रकाश जैसी सभी व्यवस्थाओं की पूर्ण निगरानी सुनिश्चित करें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आवंटित बजट का शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए और उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी मद का बजट सरेंडर न होने पाए और बजट के व्यय में लापरवाही या उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।धर्मपाल सिंह ने कहा कि सभी अवस्थापना संबंधी कार्य 26 फरवरी 2026 तक पूर्ण किए जाएं। कार्यदाई संस्थाओं द्वारा मानक और लेआउट के अनुरूप कार्य किया जाए, और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि वृहद गौसंरक्षण केंद्रों में गोवंश शेड, पानी पीने की चराहिया और खडंजा मजबूत एवं व्यवस्थित तरीके से निर्मित किए जाएं। यदि किसी गौ आश्रय स्थल में अव्यवस्था या गोवंश की देखभाल संबंधी कोई शिकायत मिलती है तो उसका तुरंत सुधार किया जाए।मंत्री ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध हैं, इसलिए गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम्य विकास विभाग और अन्य सहयोगी विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर कार्य किया जाए। साथ ही, दुग्ध विकास अधिकारियों को पराग के उत्पादों की मार्केटिंग सुदृढ़ करने और उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया।
बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने मंत्री को विभाग की योजनाओं की अद्यतन प्रगति से अवगत कराया और सुनिश्चित किया कि दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गो आश्रय स्थलों पर ठंड से सुरक्षा सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी और सभी योजनाओं में आवंटित बजट का पूर्ण सदुपयोग होगा।बैठक में पीसीडीएफ के एमडी वैभव श्रीवास्तव, पशुपालन विभाग के निदेशक (प्रशासन एवं विकास) डॉ. मेम पाल सिंह, निदेशक (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।