महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में सनातन धर्म की सेवा और अटूट श्रद्धा की परंपरा का अनुपम संगम देखने को मिला। रविवार, 28 दिसंबर को संत शिरोमणि बाबा श्री रघुनाथदास जी महाराज का भव्य वार्षिक भंडारा अत्यंत हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया। इस पावन अवसर पर पूरी अयोध्या नगरी भक्तिमय वातावरण में डूबी नजर आई और प्रसाद ग्रहण करने के लिए श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। प्रमुख संतों की गरिमामयी उपस्थिति दोपहर 1:00 बजे से प्रारंभ हुए इस धार्मिक आयोजन में देश के कोने-कोने से आए संत-महात्माओं और गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की। कार्यक्रम में मुख्य रूप से छोटी छावनी के उत्तराधिकारी कमल नयन दास जी, बड़ी जगह के महंत श्री 1008 बिंदुगाचार्य जी महाराज, एम.बी. दास, मनीष दास, संत दास, राजेश सिंह ‘मानव’ और पंकज सिंह सहित अनेक संतों व विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
समरसता और सेवा का संदेश
आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि यह भंडारा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान मात्र नहीं है, बल्कि यह समाज में सेवा, समर्पण और सामाजिक समरसता का संदेश देता है। बिना किसी भेदभाव के समाज के हर वर्ग के लोगों ने एक साथ बैठकर प्रसाद ग्रहण किया, जो सनातन संस्कृति की अखंडता को दर्शाता है। भव्य व्यवस्था और स्वच्छता पर जोर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजन को भव्य रूप देने के लिए व्यापक तैयारियां की गई थीं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वयंसेवकों की टीम तैनात रही। विशेष रूप से स्वच्छता और सुव्यवस्थित आवागमन का ध्यान रखा गया ताकि दर्शनार्थियों और भक्तों को किसी भी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
भक्ति और धर्म लाभ का संगम
भंडारे में आए श्रद्धालुओं ने न केवल प्रसाद ग्रहण किया, बल्कि संत समाज का आशीर्वाद प्राप्त कर धर्म लाभ भी अर्जित किया। आयोजन समिति ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए अयोध्या के धर्मप्रेमी नागरिकों और प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। संतों के सान्निध्य में हुए इस आयोजन ने एक बार फिर अयोध्या की महान संत परंपरा को जीवंत कर दिया।