प्रयागराज। स्टेट जीएसटी ने ढाई करोड़ रुपये की कर चोरी करने वाले एक व्यापारी के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। आईटीसी के लिए दावेदारी करने वाले शातिर ने फर्जी नाम-पते से जीएसटी में पंजीयन कराकर बिना फर्म के ही करोड़ों का कारोबार किया। सिविल लाइंस पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। इससे पूर्व भी स्टेट जीएसटी ने फर्जीवाड़ा करने वाले ऐसे व्यापारियों की पहचान कर सिविल लाइंस, झुंसी और नैनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एफआईआर के मुताबिक, विशाल ट्रेडर्स फर्म का पंजीकरण 10 मई 2025 को प्रयागराज में हुआ। फर्म के मालिक विशाल कुमार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में 13.93 करोड़ रुपये की बिक्री और 2.50 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट पास ऑन किया। विभाग ने जांच की तो सामने आया कि यह पूरा कारोबार फर्जी था। न ही कोई माल भेजा गया और न ही खरीदा गया। व्यापारी विशाल ने अपनी फर्म का पता नैनी, मिर्जापुर रोड लिखा था। कुछ ही महीनों में उसने 13 करोड़ 93 लाख 40 हजार का आउटवर्ड सप्लाई किया। इसी आधार पर दो करोड़ पचास लाख 81 हजार रुपये की आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) के लिए आवेदन किया। अचानक से इतने बढ़े कारोबार की जांच के लिए टीम पहुंची। नैनी में मिर्जापुर रोड पर विशाल ट्रेडर्स के नाम से कोई फर्म नहीं मिली। आसपास के लोगों ने भी व्यापारी के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। पंजीयन में दिए गए कागजातों की जांच से पता चला कि व्यापारी विशाल हरियाणा के फरीदाबाद का रहने वाला है। इसी आधार पर फर्जीवाड़ा करने वाले के खिलाफ स्टेट जीएसटी के सहायक आयुक्त राजेंद्र सिंह यादव ने एफआईआर दर्ज कराई है।