अयोध्या में सम्पन्न हुई पूर्व सैनिक सेवा परिषद अवध प्रांत की वार्षिक प्रतिनिधि सभा, समाजसेवी सुशील चतुर्वेदी ने किया अतिथियों का सम्मान

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, अवध प्रांत की वार्षिक प्रतिनिधि सभा रविवार को अयोध्या के सर्किट हाउस सभागार में भव्य रूप से सम्पन्न हुई। परिषद की अयोध्या इकाई द्वारा आयोजित इस प्रतिनिधि सभा में अवध प्रांत के विभिन्न जिलों से आए बड़ी संख्या में भूतपूर्व सैनिकों एवं परिषद पदाधिकारियों ने भाग लिया। सभा का शुभारंभ प्रातः 11 बजे हुआ और यह दोपहर 2 बजे तक चला। कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्व सैनिकों के कल्याण, सामाजिक उत्थान तथा उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराना रहा। इस दौरान वक्ताओं ने सेवानिवृत्त सैनिकों के अनुभव और समाज में उनके योगदान पर चर्चा करते हुए कहा कि भूतपूर्व सैनिक देश की रीढ़ हैं, जिनके समर्पण और अनुशासन से समाज को नई दिशा मिलती है। मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिगेडियर वीरेंद्र सिंह तोमर, मेजर जनरल राजीव पंत, श्री प्रकाश पाठक, रोहित सिंह और विक्रम प्रसाद पांडेय उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत और सम्मान अयोध्या के समाजसेवी श्री सुशील चतुर्वेदी द्वारा किया गया। उन्होंने अतिथियों को पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया। अपने संबोधन में सुशील चतुर्वेदी ने कहा कि भारतीय सेना के जांबाज सैनिक हमारे देश की असली शक्ति हैं, जिनके साहस और बलिदान के कारण आज भारत विश्व में गौरव के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि सेवा निवृत्ति के बाद भी सैनिक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि उनमें अनुशासन, कर्तव्यनिष्ठा और देशभक्ति का अनूठा समावेश होता है। उन्होंने पूर्व सैनिकों से आह्वान किया कि वे अपने अनुभवों को समाज के युवाओं के साथ साझा करें ताकि उनमें देशभक्ति और राष्ट्र निर्माण की भावना मजबूत हो। इस अवसर पर परिषद के पदाधिकारियों ने संगठन की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि पूर्व सैनिक सेवा परिषद न केवल पूर्व सैनिकों के हित में काम करती है, बल्कि समाज सेवा, शिक्षा, रोजगार और जनजागरण जैसे क्षेत्रों में भी सक्रिय है। कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने सरकार से यह भी आग्रह किया कि पूर्व सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर विशेष शिविर आयोजित किए जाएं और उनकी पेंशन, स्वास्थ्य तथा रोजगार संबंधी योजनाओं का दायरा बढ़ाया जाए। सभा में उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों ने भी अपने विचार रखे और परिषद की आगामी योजनाओं पर चर्चा की। कार्यक्रम का संचालन परिषद के पदाधिकारियों द्वारा किया गया और अंत में राष्ट्रगान के साथ सभा का समापन हुआ। पूरा वातावरण देशभक्ति और सम्मान की भावना से ओतप्रोत रहा, जिसमें यह संदेश गूंजता रहा कि देश की असली शक्ति उसके सैनिक हैं — जो सेवा में हों या सेवानिवृत्त, सदैव राष्ट्र के प्रहरी बने रहते हैं।