उत्तर प्रदेश में मिशन शक्ति 5.0 के तहत लैंगिक समानता पर जन-जागरूकता के लिए आयोजित नुक्कड़ नाटकों में भारी जनसैलाब

लखनऊ, । उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वाधान में प्रदेश के सभी जनपदों में आज लैंगिक समानता के विषय पर विशेष जन-जागरूकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटकों का व्यापक आयोजन किया गया। यह अभियान शहरों की गलियों, मोहल्लों, ग्राम पंचायतों की चौपालों, स्कूलों और कॉलेजों तक पहुँचा और लोगों में समानता एवं सशक्तिकरण का संदेश छोड़ गया।मिशन शक्ति 5.0 के अंतर्गत विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता महिलाओं और बालिकाओं के जीवन का स्वाभाविक हिस्सा बनें। इसी कड़ी में नुक्कड़ नाटकों को एक प्रभावी माध्यम के रूप में चुना गया, जो मनोरंजन के साथ-साथ सीधे संवाद के माध्यम से समुदाय को सोचने और आत्ममंथन करने के लिए प्रेरित करता है।प्रदेशभर में प्रस्तुत इन नाटकों में यह स्पष्ट किया गया कि लैंगिक असमानता केवल महिलाओं या बालिकाओं की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज की प्रगति में बाधा है। यह अवसरों, संसाधनों, शिक्षा, रोजगार, निर्णय लेने और सामाजिक मान्यता में समानता न मिलने के रूप में दिखाई देती है। नाटकों में यह संदेश भी दिया गया कि समाज में बेटियों और बेटों के बीच समान व्यवहार, शिक्षा और कार्यस्थलों पर सम्मानजनक वातावरण सुनिश्चित करके ही लैंगिक समानता हासिल की जा सकती है।
महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने कहा कि मिशन शक्ति 5.0 केवल योजनाओं की श्रृंखला नहीं, बल्कि एक सतत सामाजिक क्रांति है। उनका कहना था कि जब तक समाज में महिलाओं और पुरुषों को समान अवसर और अधिकार नहीं मिलेंगे, तब तक विकास अधूरा रहेगा। उन्होंने इस अवसर पर यह भी बताया कि इन नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से 22 से 26 सितम्बर 2025 के बीच कुल 4,01,702 व्यक्तियों को जागरूक किया गया, जिसमें महिलाएं, पुरुष, बालक और बालिकाएं सभी शामिल हैं।प्रदेशभर में हुए इन आयोजनों में भारी जन-सहभागिता देखने को मिली। गाँवों में चौपालों पर और कस्बों की गलियों में लोग उत्साहपूर्वक नाटकों को देखते हुए विचार विमर्श में शामिल हुए। स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थी सक्रिय रूप से भाग लेकर अपने विचार साझा किए। कई स्थानों पर दर्शकों ने संकल्प लिया कि वे अपनी दैनिक जीवनशैली और सोच में बदलाव लाएँगे और बेटियों व बेटों के बीच भेदभाव की दीवार तोड़ेंगे।