या खुदा एक छोटी सी है आरज़ू , आला हज़रत की मुझको डगर चाहिए , सलीम बस्तवी अज़ीज़ी

/धारावी के मदीना मस्जिद में मनाया गया उर्स ए आला हज़रत/

अनुराग लक्ष्य, 20 अगस्त

सलीम बस्तवी अज़ीज़ी

मुम्बई संवाददाता ।

आज पूरे हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सरकार आला हज़रत का उर्स ए मुबारक बड़े ही जोश ओ ख़रोश के साथ मनाया जा रहा है।

इसी फेहरिस्त में धारावी के मदीना मस्जिद में पेश इमाम मौलाना साबिरूल क़ादरी के देख रेख में सरकार आला हज़रत की याद में जलसे का एहतमाम किया गया। जिसमें मस्जिद कमेटी के जलाल अहमद जाफर साहब ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिए।

जलसे का आगाज कारी शमशुल हक के तिलावत ए कुरआन से हुआ, तदोपरांत नात ख्वां कारी शाहनवाज ने आला हज़रत की शान में नात ओ मानकबत पेश किया।

इसी फेहरिस्त में हाफिज इकराम साहब ने अपने कलाम के जरिए सरकार गौस ए पाक की शान में मानकबत पेश किया।

शायर ए इस्लाम सलीम बस्तवी अज़ीज़ी ने इस खास मौके पर नात ए मुस्तफा के सरकार आला हज़रत की शान में,

,,,, न दौलत न शोहरत न ज़र चाहिए,

मुझे अपने आका का दर चाहिए ।

या ख़ुदा एक छोटी सी है आरज़ू,

आला हज़रत की मुझको डगर चाहिए ।।

सुनाकर महफिल को बाग बाग कर दिया।

मदीना मस्जिद धारावी के नाएब पेश इमाम मौलाना जुनैद अशर्फी ने अपनी रूहानी तकरीर से खूब समां बांधा । सरकार आला हज़रत की शख्सियत को उनके इल्म की रोशनी में वलवला अँगेज़ तकरीर से समयीन को सरकार आला हज़रत के इल्म का जाम पिलाया। जिसे उपस्थित श्रोताओं ने बेहद पसंद किया ।

और अंत में मौलाना साबिरूल क़ादरी साहब की सदारत में फातिहा ख्वानी और दुआ की रस्म अदा की गई।

जलसे को कामयाब बनाने में कमेटी मदीना मस्जिद का सहयोग सराहनीय रहा ।