सावन में धार्मिक पर्यटन के नए कीर्तिमान: प्रदेश के पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ से आर्थिक और सांस्कृतिक विकास को मिली मजबूती

लखनऊ)उत्तर प्रदेश में सावन के पावन महीने में प्रदेश के लगभग सभी प्रमुख पवित्र स्थलों और घाटों पर श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ देखी गई। इस धार्मिक उत्साह ने न केवल पर्यटन को गति प्रदान की, बल्कि स्थानीय कारोबारियों को भी लाभान्वित किया और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी। राजधानी लखनऊ से लेकर वाराणसी के पौराणिक मंदिरों तक ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से माहौल गूंजता रहा।
प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में सामान्य दिनों में जहां 5 से 6 हजार श्रद्धालु आते थे, सावन के दौरान यह संख्या 15 से 20 हजार से ऊपर पहुंच गई। वहीं, बुद्धेश्वर मंदिर में हर सोमवार और बुधवार को 20 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। बाराबंकी के लोधेश्वर महादेव मंदिर में लगभग 12 लाख भक्त पहुंचे, जिनमें से सोमवार को अकेले 2.05 से 3 लाख लोगों ने जलाभिषेक किया। बागपत के श्रावण मेले में लगभग 14 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया, जबकि सोमवार को 5 लाख से अधिक भक्तों ने पूजा-अर्चना की। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर घाट से एक लाख से अधिक कांवड़िये गंगाजल लेकर लौटे। लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ मंदिर में 8 से 10 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।विशेष रूप से, काशी विश्वनाथ धाम इस बार भी सावन का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आकर्षण रहा। यहां पिछले वर्ष की तुलना में भीड़ में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर्ज की गई। प्रतिदिन औसतन 70,000 से 82,000 श्रद्धालु काशी पहुंचते रहे, जिसमें सोमवार को सबसे ज्यादा भीड़ रही। यह वृद्धि काशी की आध्यात्मिक महत्ता और सरकार द्वारा बेहतर सुविधाएं और भीड़ प्रबंधन की सफलता का परिणाम मानी जा रही है।उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के जुलाई 2025 के रिकॉर्ड के अनुसार, सावन माह में राजधानी लखनऊ में पर्यटन से जुड़ी गतिविधियों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। केवल रिहायशी होटलों में करीब 3.50 लाख पर्यटक ठहरे, जिनमें लगभग 5,000 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। सावन के दौरान आयोजित पारंपरिक मेलों में 6.04 लाख से अधिक लोग शामिल हुए। इसी महीने लखनऊ में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों और महोत्सवों में लगभग 49,200 लोग पहुंचे, जबकि पारंपरिक त्योहारों में 16,700 से अधिक लोगों ने भाग लिया। यह आंकड़ा प्रदेश में धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन की बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सावन 2025 उत्तर प्रदेश के धार्मिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में एक स्वर्णिम अध्याय साबित हुआ है। श्रद्धालुओं की भारी उपस्थिति ने प्रदेश को देश के अग्रणी धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि हर भक्त को निर्बाध, सुरक्षित और सुखद अनुभव मिले, साथ ही तीर्थ स्थलों के बुनियादी ढांचे को पहले से अधिक मजबूत बनाया गया।प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि सावन 2025 में उमड़ी इस अभूतपूर्व जनसैलाब ने प्रदेश की धार्मिक पर्यटन नीति की सफलता को प्रमाणित किया है। मंदिर परिसरों की व्यवस्थाओं से लेकर परिवहन, सुरक्षा और अन्य सुविधाओं तक हर स्तर पर बारीकी से तैयारियां की गईं, ताकि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सहज और अविस्मरणीय आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो सके।इस तरह सावन के पावन माह में उत्तर प्रदेश ने धार्मिक उत्सवों के साथ-साथ पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी नयी ऊर्जा का संचार किया है।