अनुराग लक्ष्य, 1अक्टूबर,
मुंबई संवाददाता ।
कहते हैं कि किसी भी मिशन में जब इंसान पूरे जोश ओ खारोश और जुनून के साथ अपने काम को अंजाम देता है तो उस इन्सान की मंज़िल उसे ज़रूर मिलती है।
आज से 27 वर्ष पहले जब अनुराग लक्ष्य मासिक पत्रिका का जन्म हुआ था तो पत्रिका के संपादक श्री विनोद कुमार उपाध्याय को यह गुमान भी नहीं रहा होगा कि उनकी मेहनत यह रंग लायेगी कि देश के कोने कोने में इसके पाठक अपना प्यार और सम्मान देंगे।
अंततः विनोद जी की मेहनत रंग लाई और अनुराग लक्ष्य देश के अन्य परांतो के साथ अब मुंबई में भी डेढ़ साल से पढ़ी जा रही है। जो उनकी कमेयाबी और कुशल नेतृत्व को दर्शाता है और पत्रिका की भूरि भूरि परशंशा हो रही है।
मुंबई के डाक्टर फारूकी, आशिक अली सैयद, ज़मीर हुसैन, इम्तेयाज शेख, वकार खान, यूसुफ शेख, डायरेक्टर कुलवंत सिंह, अभिनेत्री बबिता चौधरी, राइटर जावेद कमर, प्रोड्यूसर निर्देशक संजय वत्सल, संजीव हिंदुजा सहित सैकड़ों ऐसे पाठक हैं जो पत्रिका को अपना प्यार, दुलार और सम्मान देते नहीं थकते।
अनुराग लक्ष्य परिवार अपने सभी ऐसे बुद्धजीवियों और सुधि पाठको का ह्रदय से आभार प्रकट करता है। मैं सलीम बस्तवी अज़ीज़ी श्री विनोद कुमार उपाध्याय जी के इस कामेयाबी पर यह चार पंक्तियां ज़रूर कहना चाहता हूं, कि,,,,,
,,, जिस भी कश्ती के मुहाफिज तुम बनो हरगिज़ उसे,
सांस भी थम जाए गर न छोड़ना मझधार में,
मंज़िलें उनके ही कदमों में ठहरतीं है विनोद
जोड़ लेता है जो खुद को वक्त की रफ्तार में,,,,
,,,,,,,,सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,,,,,,