राष्ट्रीय एकता में उर्दू भाषा की भूमिका महत्वपूर्ण:प्रो० सुनीता तिवारी

बस्ती ( अनुराग लक्ष्य न्यूज ) महिला महाविद्यालय, बस्ती में उर्दू विभाग के तत्त्वावधान में आलमी-यौम -ए-उर्दू (उर्दू दिवस) का आयोजन किया गया। उर्दू जबान के फरोग मे गजल, शायरी और तकरीर महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा पेश किया गया। यहां उर्दू दिवस मनाने का मकसद उर्दू जबान की अहमियत और उसकी मकबूलियत को उजागर करना है

कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य प्रो० सुनीता तिवारी एवं मुख्य अतिथि प्रो० रीना पाठक द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर धूप-दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती नेहा परवीन के द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि किसान डिग्री कॉलेज की प्रचार्य प्रो० रीना पाठक ने अपने वक्तव्य में कहा यदि इंसान इंसान है तो इंसान को इंसान बनाने की जरूरत क्यों पड़ रही? साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान में मानवता को बचाना बड़ा जटिल कार्य है।

कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा शेरों-शायरी एवं गज़ल की प्रस्तुति की गयी। जिसमें जुबैरिया द्वारा “मैं हिंदी की वो बेटी हूँ” गजल सुनाई गई। अलीशा खातून द्वारा निदा फ़ाज़ली की गजल पेश की गई। जोया खान ने “उर्दू है मेरा नाम खुसरो की पहेली” एवं इकबाल की गजल प्रस्तुत की गई।

कार्यक्रम के अंत मे महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो० सुनीता तिवारी ने वर्तमान पीढ़ी के समक्ष खड़ी चुनौतियों के विषय मे विस्तृत चर्चा की साथ ही उन्होंने कहा कि उर्दू बड़ी मीठी भाषा है। राष्ट्रीय एकता की वृद्धि में उर्दू भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका है।

कार्यक्रम के अन्त में धन्यवाद ज्ञापन समाजशास्त्री डॉक्टर रघुवर पांडेय ने किया ।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से डॉ सीमा सिंह, डॉ नूतन यादव, डॉक्टर सुधा त्रिपाठी,डॉ वीना सिंह, डॉ स्मिता सिंह, डॉ सुहासिनी सिंह,डॉ रूचि श्रीवास्तव, श्रीमती प्रियंका सिंह, डॉ प्रियंका मिश्रा, श्रीमती नेहा श्रीवास्तव, श्रीमती पूनम यादव सहित छात्राएं उपस्थित रहीं।