मुंबई: संगीत, ध्यान और आत्मिक शांति से भरी एक खास शाम देखने को मिली, जब ‘डिवाइन सरेंडर – शांति, जागृति और करुणा का बौद्ध गीत’ का शानदार लॉन्च चर्चगेट के डाउनटाउन 20 हॉल में हुआ।
इस गीत को पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक श्री राजकुमार बडोले ने लिखा है। इसमें शांति, आत्मबोध और करुणा का सुंदर संदेश दिया गया है, जो बुद्ध के उपदेशों की असली भावना है। इस प्रोजेक्ट में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध अभिनेता गगन मलिक एक खास भूमिका में नजर आए हैं। गीत का संगीत और गायन बौद्ध संगीतकार पावा ने किया है, जो ध्यान और संगीत को मिलाकर एक शांत और सुखद अनुभव देते हैं। गीत के निर्देशक नीरज प्रभाकर हैं, जिन्होंने इसे खूबसूरती से फिल्माया है। इसका निर्माण युगंधर क्रिएशंस के श्री अनिकेत बडोले ने किया है। यह गीत आगे चलकर थाई, वियतनामी, श्रीलंकाई, कम्बोडियन और बांग्लादेशी जैसी कई भाषाओं में भी रिलीज़ किया जाएगा, ताकि बुद्ध के शांति और करुणा के संदेश को दुनिया भर तक पहुँचाया जा सके।
इस प्रोडक्शन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता यह रही थी कि इसकी रिकॉर्डिंग थाईलैंड के बैंकॉक स्थित स्टूडियो 28 में की गई थी जो दक्षिण-पूर्व एशिया के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित स्टूडियो में से एक माना जाता है। इस एंथम को भव्य सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के साथ रिकॉर्ड किया गया था, जिससे पूर्वी आध्यात्मिकता और वैश्विक ऑर्केस्ट्रल संगीत का अद्भुत संगम तैयार हुआ था।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में रॉयल थाई वाणिज्य दूतावास (मुंबई) के महावाणिज्य दूत श्री डोनाविट पूलसावत और महाराष्ट्र सरकार के वस्त्रोद्योग मंत्री श्री संजय सावकारे उपस्थित थे। उनके साथ मंच पर मुंबई में श्रीलंका की महावाणिज्य दूत सुश्री शिरानी अरियारत्ने, महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव आयुक्त श्री दिनेश वाघमारे, सिद्धिविनायक सिने आर्ट्स (प्रा.) लि. की अध्यक्ष सुश्री कौशल्या विक्रमसिंघे और थाई व्यवसायी एवं शोधकर्ता एक्ट कॅप्टन नट्टकित चायचलेरमोंगखोन, थाई व्यवसायी और शोधकर्ता श्री अनिकेत बडोले, युगांधर क्रिएशन्स के निर्माता, उनके साथ इस कार्यक्रम में गीतकार और गायक पावा, अभिनेता गगन मलिक और ‘डिवाइन सरेंडर’ वीडियो के निर्देशक नीरज प्रभाकर भी मौजूद थे।
लॉन्च के दौरान महाराष्ट्र सरकार के वस्त्रोद्योग मंत्री श्री संजय सावकारे ने कहा, “आज यह खूबसूरत गीत ‘डिवाइन सरेंडर’ थाईलैंड के सहयोग से लॉन्च हुआ है, और इसे देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। राजनीति में भी हमारे पास ऐसे कलाकार हैं जो संस्कृति और रचनात्मकता की कद्र करते हैं। मुझे गर्व है कि हमारे नेताओं की ओर से ऐसी पहल सामने आ रही है। मैं इस एंथम के पीछे पूरी टीम को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।”
रॉयल थाई कॉन्सुलेट के महावाणिज्यदूत (मुंबई) श्री डोनाविट पूलसावत ने कहा, “डिवाइन सरेंडर जैसा प्रोजेक्ट देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। यह थाईलैंड और भारत — दो ऐसे देशों — को जोड़ता है, जो भगवान बुद्ध की साझा शिक्षाओं से जुड़े हैं। यह गीत शांति और करुणा का वही पुराना संदेश देता है, जिसे हमारी संस्कृतियाँ सदियों से मानती आई हैं, और अब यह संदेश संगीत की भाषा में पूरी दुनिया तक पहुँच रहा है।”
श्री राजकुमार बडोले ने कहा, ‘डिवाइन सरेंडर’ सिर्फ़ एक संगीत रचना नहीं है — यह वैश्विक सद्भाव की प्रार्थना है और अपने भीतर की दिव्यता के प्रति समर्पण है। जब मैंने ये पंक्तियाँ लिखीं, तो मेरे मन में ऐसा शांति का संदेश था जो सीमाओं से परे जाए। थाईलैंड में पावा के भावपूर्ण संगीत और गगन मलिक की गहरी मौजूदगी ने इस एंथम को सच में भारत और दुनिया के बीच करुणा का एक सेतु बना दिया है।”
इस शाम संस्कृति, कला और आध्यात्मिकता का एक प्रेरक संगम देखने को मिला। गणमान्य व्यक्ति, भिक्षु, कलाकार और रचनात्मक समुदाय के सदस्य एक साथ आए और उस शांति और जागृति के संदेश का जश्न मनाया, जिसे यह एंथम दर्शाता है। वातावरण शांत और चिंतनशील था, जहां लाइव प्रस्तुतियों और मौन के पलों ने आत्मनिरीक्षण और सद्भाव का अनुभव कराया।
यह कार्यक्रम भारत से दुनिया तक बौद्ध कला और संगीत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ — दर्शन, रचनात्मकता और भक्ति का ऐसा सुंदर संगम जिसने दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।
कोरील राजेश कुमार
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