दीपोत्सव के उपलक्ष्य में साहित्य उपवन रचनाकार की काव्य गोष्ठी यमुना विहार दिल्ली में अपने चिर परिचित अंदाज से सफलतम सम्पन्न हुई। गोष्ठी में मंच की शोभा देश के जाने माने गीतकार श्री दिनेश आनंद जी एवं मशहूर शायर जनाब आजम सहसवानी जी ने बढाई। बतौर हौसलों के हमसफ़र एवं दीपोत्सव के उनवान में सजी यह गोष्ठी काव्य के विभिन्न रसों से सराबोर रही। जिसमें हर दर्शक स्वयं को भीगने से नहीं रोक सका। गोष्ठी का शुभारंभ सरस्वती पूजन एवं मंच की सचिव आ. सुधा बसोर सौम्या की मधुरिम सरस्वती वंदना से हुआ। गोष्ठी का आगाज़ श्री जयसिंह रावत जी के मर्मस्पर्शी काव्य पाठ से हुआ है। जनाब इरशाद हुसैन जी ने मन को छूने वाले शेर पेश किये जो हर दिल अजीज बने। श्री रमन ध्यानी जी ने अपनी शायरी लिबास में लाजवाब कलाम पेश किये जो सबको दाद देने पर मजबूर करते रहे। श्री मुकेश गौतम जी ने हृदयस्पर्शी कविता सुनाकर समां बांध दिया। श्री दिनेश कुमार जी ने समाज में फैली विद्रूपताओ पर चोट करते हुए स्वरांजलि दी। श्रीमती दीपांजलि गुप्ता जी ने अपनी दो ग़ज़लें सुनाकर सबकी तालियां बटोरीं। मधुर कंठ के धनी श्री आर डी गौतम विनम्र जी ने अपनी मधुरिम प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। स्वर कोकिला श्रीमती सुधा बसोर सौम्या जी ने मनभावन गीत पढ़कर सबको काव्य वर्षा में भिगो दिया। मशहूर शायर जनाब आजम सहसवानी जी ने अपने चिर परिचित अंदाज में दिलकश शेर पेश किये और मुहब्बत का पैगाम दिया जिसने महफ़िल लूट ली। इसी क्रम में आपके दोस्त यानी रोहित रोज के बेहतरीन मुक्तक और दो ग़ज़लों ने गोष्ठी को ऊंचाईयां दी। अंतिम प्रस्तुति में देश के मशहूर गीतकार श्री दिनेश आनंद जी ने अपनी सुरीली और चित्त हरण अंदाज में कार्यक्रम को आसमानी बना दिया। कार्यक्रम का संचालन रोहित रोज ने बड़े ही सधे और शायराना अंदाज में किया। श्रीमती गीतांजलि गुप्ता जी को श्री दिनेश आनंद जी, जनाब आजम सहसवानी जी एवं श्रीमती सुधा बसौर सौम्या जी द्वारा हौसलौं के हमसफ़र पुस्तक, सम्मान एवं अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। अंत में साहित्य उपवन रचनाकार के अध्यक्ष द्वारा सबका आभार व्यक्त किया गया और कार्यक्रम के औपचारिक समापन की घोषणा हुई। सबने बड़े मन से चाय समौसे और मिष्ठान का आनंद लेकर एक दूसरे को सफल कार्यक्रम की बधाई देते हुए विदा ली।