अम्बेडकर नगर। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने देश की सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए दो ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। पहला, हाईब्रिड बंदरगाह सुरक्षा मॉडल की शुरुआत, जिसमें निजी सुरक्षा कर्मियों को शामिल कर समुद्री सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। इसके तहत ‘दरियाव सुमन सुरक्षा पाठ्यक्रम’ के माध्यम से जवाहरलाल नेहरू, कोलकाता, कामराजार, न्यू मंगालुरु, विशाखापट्टनम, पारादीप और एनोर पोर्ट के 40 निजी कर्मियों को दो सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया, सुरक्षा उपकरणों का उपयोग और अंतरराष्ट्रीय मानकों (आईएसपीएस कोड) की जानकारी शामिल है। यह मॉडल बंदरगाहों पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को प्रभावी बनाने के साथ-साथ तकनीकी और साइबर खतरों से निपटने में सहायक होगा।दूसरा, सीआईएसएफ ने लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए पहली पूर्ण महिला कमांडो इकाई का गठन किया है। मध्य प्रदेश के बरवाहा में 8 सप्ताह के कठिन प्रशिक्षण के तहत 30 महिलाओं का पहला बैच (11 अगस्त-4 अक्टूबर 2025) और दूसरा बैच (6 अक्टूबर-29 नवंबर 2025) तैयार किया जा रहा है। प्रशिक्षण में हथियार संचालन, जंगल सर्वाइवल, रैपलिंग और 48 घंटे का आत्मविश्वास निर्माण अभ्यास शामिल है। प्रारंभिक चरण में 100 महिलाएं प्रशिक्षित होकर हवाई अड्डों और संवेदनशील प्रतिष्ठानों में तैनात होंगी। साथ ही, गृह मंत्रालय के 10% महिला बल लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 2026 में 2,400 महिलाओं की भर्ती की जाएगी। ये पहलें सीआईएसएफ को सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण में अग्रणी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।