संवाददाता अनुराग उपाध्याय।
कुण्डा/ प्रतापगढ़।यज्ञ से मानव में चेतना आती है । मानव यह जानते हुए कि मरने के बाद उसके साथ कुछ नही जाएगा । इसके बावजूद वह मानव तन पाकर इस माया रूपी संसार में ही हिचकोलें खा रहा है । जो मानव तन पर फूला नही समा रहा है । वह अभागा है । यह उपदेश जनपद – प्रतापगढ़ के कुण्डा तहसील क्षेंत्र के थाना हथिगवां अन्तर्गत हनुमान नगर मिश्रदयालपुर गांव स्थित प्राचीन तपोंभूमि सिद्ध – संकट मोंचन धाम हनुमान मन्दिर पर सवान और पुरूषोत्तम मास में चल रहे विश्वकल्याणार्थ संकटहारी हनुमान जी महायज्ञ के बीच हनुमान जी महराज का दिब्य दरबार हवन पूजन दर्शन सत्संग समागम् के दौरान हनुमत दरबार के सिद्ध पुजारी तपस्वी महात्मा बालयोगी जी महराज ने नर-नारी श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए । स्वामी जी ने बताया कि भगवान गणिका,अजामिल शबरी,सदन कसाई,दीन सुदामा,और अहिल्या को तारने वाले है । उन्होंने कहा कि दूसरों को दुःख पहुंचाने से बङा पाप कोई नही है । दीन – दुखी की सेंवा कर अमर – पद की प्राप्ति को पाया जा सकता है। राम नाम जाप इस कलयुग में महान फलदाई है । इस अवसर पर परमानन्द तिवारी भरूहिया महराज,विवेक जी महराज बजरंग सेना तहसील अध्यक्ष कुण्डा एवं राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ परशुराम प्रकोष्ठ जिला उपाध्यक्ष प्रतापगढ़, श्याम सूरत विश्वकर्मा,अमर नाथ विश्वकर्मा,उदय सिंह,तपस्विनी माता जी,सीमा सिंह प्रधानाचार्य,सुप्रिया सिंह,पवन दुबे,ध्रुव कुमार मिश्र,राजा बाबू ,सरस्वती देवी,पूजा देवी,पार्वती देवी,नीरज यादव,मुकेश प्रजापति, श्यामू मौर्या,राम मूरत निर्मल,मूलचन्द्र धूरिया,आचार्य विनय कुमार मिश्र, अनुराग कुमार पाङेय,लवकुश पाङेय आदि समेत भारी संख्या में दूर-दराज से नर-नारी श्रृद्धालुओं ने हनुमान जी महराज के दिब्य दरबार में शामिल होकर अपनी अर्जी लगाकर महा प्रसाद ग्रहण किया ।