नहीं रहे प्रेमांजलि साहित्यिक संस्था के संस्थापक श्री राम शर्मा, मुंबई के साहित्यकारों में आँखें हुई नम
अनुराग लक्ष्य, 30 अगस्त
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
बरसों तुम्हारी याद में आँखें रहेंगी नम,
बरसों तुम्हारे जाने का हमको रहेगा ग़म ।
कैसे कहें, कैसे सहें हम तेरी जुदाई,
यह दर्द यहाँ कैसे अब बाँटें सभी से हम ।।
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं प्रेमांजलि साहित्यिक संस्था के संस्थापक श्री राम शर्मा जी की, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे।
एक खूबसूरत शख्सियत के साथ एक खूबसूरत इंसान की छबि और उनकी सुनहरी यादें हमेशा मुंबई वासियों के दिलों में ज़िन्दा रहेंगी।
श्री राम शर्मा एक लम्बे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। अंततः मौत ने उन्हें कल की शाम अपने गले लगा ही लिया और वोह हम सब से जुदा हो गए।
इस दुःख की घड़ी में गीतकार रामजी कनौजिया ने अपनी यादों को समेटते हुए कहा कि,
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में, अपना एक अलग मुकाम हासिल करने वाले,मृदुभाषी मिलनसार,श्रीराम शर्मा जी हम सबके बीच नहीं रहे ,इस दुखद समाचार ने तो जैसे ह्रदय को झकझोर कर रख दिया, विश्वास नहीं हो रहा है कि हमने शर्मा जी रुप में, एक वरिष्ठ साहित्यकार, व एक महान शख्सियत को आज खो दिया, जिसकी कमी हमेशा खलती रहेगी, जब वे अस्वस्थ चल रहे थे उसी दौरान मैंने उनके निवास स्थान पर जाकर, उनसे मुलाकात की,यह तस्वीर भी उसी समय की है,
अब तो यही प्रार्थना है कि ईश्वर उनकी आत्मा को ,अपने श्री चरणों में जगह दें, और दुखित परिवार जनों को,इस संवेदनशील घड़ी से उबरने की शक्ति दें
“आज दोस्ती का हाथ, छुड़ाकर चले गये,
अपने पराये सबको, रुलाकर चले गये,,
अनुराग लक्ष्य परिवार की संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं। ईश्वर उन्हें इस दुख की आपदा को सहने की सामर्थ्य प्रदान करे।