बस्ती :राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती में कृषि उत्पाद प्रदर्शनी एवं गुड़ प्रसंस्करण इकाई का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रगतिशील कृषक सम्मेलन में कृषि के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हेतु 5 कृषकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए। कार्यक्रम की शुरुआत में आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने उनका का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं शाल भेटकर किया। महामहिम ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर कृषकों के उत्पादों की सराहना की तथा विपणन पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी साथ ही कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती द्वारा प्रकाशित पांच पुस्तकों का विमोचन किया| उन्होंने अपने उद्बोधन में अंतरिक्ष, वज्रपात, जलवायु परिवर्तन आदि विषयों पर नवीन शोध एवं अच्छे वैज्ञानिकों की आवश्यकता पर विशेष बल देते हुए दूध व दुग्ध उत्पादों में मिलावट से बचने हेतु स्वयं उत्पाद तैयार करने की सलाह दी| साथ ही, कुपोषण दूर करने के लिए आलू की बजाय हरी सब्ज़ियाँ, चना, मूली व ड्रैगन फ्रूट को आहार में सम्मिलित करने की सलाह दी। सम्मेलन में 12 किसानों ने महामहिम को अपने स्वयं के कृषि उत्पाद भेंट किए जिनको देखकर महामहिम ने किसानों को राजभवन में कृषि उत्पाद प्रदर्शनी लगाने हेतु आमंत्रित किया तथा जिला प्रशासन एवं कुलपति महोदय को मिलकर समय निर्धारित कर कृषक उत्पाद प्रदर्शनी का आयोजन राजभवन में कररने की इच्छा व्यक्त की जिसमें किसान अपने उत्पाद विक्रय हेतु वहां लगा सकते हैं। इस अवसर पर 155 कृषकों ने भाग लिया| जनपद के मंडलायुक्त, जिलाधिकारी समेत कई अधिकारी उपस्थित रहे। सम्मानित कृषकों में श्री प्रेम प्रकाश सिंह (विपणन), श्री अहमद अली (सब्ज़ी उत्पादन), श्रीमती गीता (महिला समूह संचालन), श्री अवनीश कुमार सिंह (मौसमी एवं आम उत्पादन), एवं श्री देवांश पांडेय (ड्रैगन फ्रूट उत्पादन) शामिल रहे। महामहिम राज्यपाल महोदया ने बस्ती में उत्पादित फलों में आम की विशेष प्रशंसा की तथा अपने भ्रमण के दौरान कृषि विज्ञान केंद्र पर पाली हाउस में लगी विभिन्न कलमी पौधों का अवलोकन कर बारहमासी फल देने वाली प्रजाति के पौधों को विक्रय हेतु किसानों को उपलब्ध करने की सलाह दी| आम उत्पादक श्री अवनीश कुमार सिंह को 90 प्रजातियों के संग्रह व नए पौधे तैयार कर उनके प्रसंस्करण व मूल्य संवर्द्धन पर काम करने की भी आवश्यकता बताई| उन्होंने अपने उद्बोधन में कृषकों को एक बच्चों को डॉक्टर या इंजीनियर बनाने तथा एक बच्चे को किसान बनाने की आवश्यकता बताई| लड़कियों की अच्छी शिक्षा, अच्छा भोजन व समान व्यवहार पर बल देते हुए अपंग, मन्दबुद्धि, कुष्ठ आश्रम आदि में पढ़ने वाले बच्चों की सहायता कर उनको आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करने की सलाह दी| पुष्पगुच्छ आदि पर होने व्यय को कम कर कुछ ग़रीब बच्चों की सहायता करने पर ज़ोर दिया | इस अवसर पर राज्यपाल महोदय ने एक वृक्ष माँ के नाम पर चंदन का पौधा रोपण किया एवं मत्स्य तालाब में मछलियों को दाना खिलाया|