विकसित कृषि से ही विकसित उत्तर प्रदेश और भारत का सपना साकार संभव : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ ) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की उर्वर भूमि, जल संसाधन और व्यापक वैज्ञानिक आधार इसकी सबसे बड़ी ताकत हैं। कृषि क्षेत्र में अनुसंधान, नवाचार और आधुनिक तकनीक के जरिये अगर किसानों को सीधे जोड़ा जाए, तो न सिर्फ प्रदेश, बल्कि पूरा देश आत्मनिर्भर बन सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि केवल रोजगार का माध्यम नहीं, बल्कि प्रदेश की समृद्धि और खुशहाली का आधार बननी चाहिए। मुख्यमंत्री सोमवार को भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान परिसर में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के 36वें स्थापना दिवस एवं ‘विकसित कृषि, विकसित उत्तर प्रदेश @2047’ विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उपकार गीत, तकनीकी पुस्तिका, न्यूजलेटर ‘उपकार समाचार’ और पत्रिका ‘इक्षु’ का विमोचन किया और प्रदेश के उत्कृष्ट कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषक उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 86 प्रतिशत से अधिक कृषि भूमि सिंचित है, जो वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। राज्य में चार कृषि विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं और पांचवां कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश के 89 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं, जिनका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय है कि इन केंद्रों द्वारा तैयार की गई तकनीकों और अनुसंधानों को अभी मात्र 25 से 30 प्रतिशत किसान ही अपना रहे हैं। इसमें तेजी लाने की आवश्यकता है।उन्होंने वैश्विक जलवायु परिवर्तन की चुनौती का उल्लेख करते हुए कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को चाहिए कि वे जलवायु के अनुकूल फसलें विकसित करें, लेट वैरायटी बीज तैयार करें और किसानों को समय पर जानकारी देने के लिए प्रशिक्षित करें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 1 ट्रिलियन डॉलर की होनी चाहिए और यह लक्ष्य कृषि, उद्योग, एमएसएमई और सेवा क्षेत्र के सामूहिक विकास से ही प्राप्त किया जा सकता है।कार्यक्रम में प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, उद्यान एवं कृषि विपणन राज्यमंत्री दिनेश प्रताप सिंह, कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह ओलख, गो-सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्ता, मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह एवं गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. दिनेश सिंह सहित अनेक विशेषज्ञ एवं कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर उत्तर प्रदेश विकास की गति को तेज करता है, तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए कृषि क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट को किसानों की पहुंच में लाना अब एक आवश्यक कड़ी बन गई है। कारगर नीतियों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ यदि यह कार्य आगे बढ़ाया गया, तो वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का सपना अवश्य साकार होगा।