Lucknow
लखनऊ उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन ने हाल के वर्षों में उल्लेखनीय प्रगति की है, और इसका सबसे जीवंत उदाहरण सिद्धार्थनगर जिले में स्थित कपिलवस्तु है। भगवान बुद्ध के बाल्यकालीन निवास स्थल रहे इस ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने के लिए राज्य सरकार ने कमर कस ली है। वर्ष 2024 में कुल 61.47 लाख बौद्ध पर्यटक उत्तर प्रदेश आए, जिनमें से 79,418 ने कपिलवस्तु का भ्रमण किया। इस तीव्र वृद्धि को देखते हुए सरकार ने यहां पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए छह करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत की हैं।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार, कपिलवस्तु में वर्ष 2022 में जहां केवल 26,805 पर्यटक आए थे, वहीं 2024 में यह आंकड़ा तीन गुना बढ़कर 79,418 तक पहुंच गया। खास बात यह है कि विदेशी पर्यटकों की संख्या 98 से बढ़कर 16,628 हो गई, जो बौद्ध सर्किट के प्रचार-प्रसार और अवस्थापना विकास का स्पष्ट परिणाम है।सरकार का उद्देश्य केवल संख्यात्मक वृद्धि नहीं, बल्कि कपिलवस्तु को विश्व स्तर पर एक प्रतिष्ठित धार्मिक-पर्यटन गंतव्य बनाना है। इसके लिए छह करोड़ रुपए की लागत से आधारभूत सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, जिनमें पर्यटक सुविधाएं, सड़क, पार्किंग, शौचालय, प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्र और पर्यटन स्थलों का संरक्षण शामिल है।कपिलवस्तु वह स्थान है, जहां राजकुमार सिद्धार्थ ने अपने जीवन के 29 वर्ष बिताए और बाद में गौतम बुद्ध के रूप में संसार को ज्ञान और करुणा का मार्ग दिखाया। यह प्राचीन शाक्य गणराज्य की राजधानी रही है। आज भी यहां बुद्ध के अवशेषों वाला स्तूप, तिलौराकोट की खुदाई साइट, थाई मोनेस्ट्री, शांति स्तूप और कपिलवस्तु म्यूजियम पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं।पर्यटन मंत्री ने स्पष्ट किया कि कपिलवस्तु केवल बौद्ध अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के रूप में भी अद्वितीय महत्व रखता है। यहां आकर देश-विदेश के पर्यटक न केवल इतिहास से जुड़ते हैं, बल्कि एक आत्मिक अनुभव भी प्राप्त करते हैं।इस दिशा में पर्यटन विभाग की रणनीति भी बेहद सशक्त रही है। प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि थाईलैंड, वियतनाम, मलेशिया, श्रीलंका, भूटान, जापान, लाओ पीडीआर, कंबोडिया, सिंगापुर और इंडोनेशिया जैसे देशों के टूर ऑपरेटरों, भिक्षुओं और मीडिया प्रतिनिधियों को कपिलवस्तु से जोड़ने के लिए विशेष फैम ट्रिप्स आयोजित की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, अंतरराष्ट्रीय मेलों में भागीदारी और विभिन्न भाषाओं में प्रशिक्षित गाइड्स की उपलब्धता से विदेशी पर्यटकों को बेहतर अनुभव दिया जा रहा है।उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा दे रही है, बल्कि रोजगार, सांस्कृतिक संपर्क और वैश्विक पहचान के नए द्वार भी खोल रही है। आने वाले समय में कपिलवस्तु बौद्ध पर्यटन के मानचित्र पर एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित होगा—ऐसा विश्वास अब केवल लक्ष्य नहीं, बल्कि एक साकार होती हकीकत है।