श्रावण मास में किस चीज से रुद्राभिषेक करने से क्या फल प्राप्त होता है जानिए पं0 देवस्य मिश्र से

बस्ती ( दैनिक अनुराग लक्ष्य ) हिन्दू पंचांग में सावन मास की शुरुआत होते ही शिव भक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है। यह महीना भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है। भक्त इस महीने में विशेष रूप से शिवलिंग पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक कर भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इस वर्ष श्रावण मास 11 जुलाई, शुक्रवार से आरंभ हो चुका है। पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है, जो महादेव पर जल, दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल आदि से अभिषेक कर पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। मान्यता है कि रुद्राभिषेक से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन की विभिन्न समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

बस्ती निवासी ज्योतिषाचार्य पंडित देवस्य मिश्र से हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि रुद्राभिषेक में प्रयुक्त विभिन्न द्रव्यों का अलग अलग महत्व है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में दूध से शिवलिंग का अभिषेक करने से महादेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। यह उपाय आध्यात्मिक शांति देने के साथ ही जीवन में समृद्धि लाने वाला माना जाता है। दही से अभिषेक करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। यह उपाय घर-परिवार में सुख-शांति बनाए रखने में सहायक होता है। गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करना अत्यंत पवित्र माना गया है। इससे भगवान शिव के साथ-साथ मां गंगा का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है, और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। शहद से रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। साथ ही वाणी दोष दूर होते हैं और स्वभाव में मधुरता आती है। जो व्यक्ति लंबे समय से किसी बीमारी से पीड़ित हैं, उनके लिए शुद्ध देसी घी से शिवलिंग का अभिषेक अत्यंत लाभकारी माना गया है। यह उपाय स्वास्थ्य सुधार में मदद करता है। मानसिक तनाव और अशांति से ग्रसित लोगों को इत्र से रुद्राभिषेक करने की सलाह दी जाती है। इससे मानसिक शांति मिलती है और जीवन में संतुलन आता है। गन्ने के रस से अभिषेक करने से आर्थिक समस्याओं का निवारण होता है। यह उपाय दरिद्रता दूर करने और धन-संपत्ति बढ़ाने में सहायक होता है। शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक सबसे सरल और प्रभावी उपाय है। इससे भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। जिनकी कुंडली में ग्रह दोष हैं या जो शत्रु बाधाओं से परेशान हैं, उन्हें सरसों के तेल से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। इससे साहस, पराक्रम में वृद्धि होती है और नकारात्मक प्रभाव समाप्त होते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित देवस्य मिश्र में बताया कि सावन का महीना शिव भक्तों के लिए आत्मिक और लौकिक उन्नति का अवसर है। ऐसे में श्रद्धा और विधिपूर्वक रुद्राभिषेक कर हर भक्त भोलेनाथ की कृपा प्राप्त कर सकता है।