कलयुग में एक मिसाल: अनंत अंबानी का जीवन और उनके संस्कारों की कहानी

उद्योगपति मुकेश अंबानी ने अनंत अंबानी को रिलांयस इंडस्ट्रीज का executive director बनाया है l

ध्यान देने योग्य बात है कि

आज की दुनिया में जहाँ अक्सर अमीरी के साथ घमंड, दिखावा और असंवेदनशीलता को जोड़ा जाता है, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इस सोच को पूरी तरह बदल देते हैं। ऐसा ही एक नाम है – *अनंत अंबानी।*

 

भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे बेटे अनंत अंबानी न सिर्फ अपनी विनम्रता के लिए जाने जाते हैं, बल्कि अपने सामाजिक कार्यों और जानवरों के प्रति करुणा के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं।

जब एक युवा दिल से सेवा का भाव निकलता है, तो उसका असर दूर तक जाता है। अनंत अंबानी ने हाल ही में ‘Vantara’ (वनतारा) नामक एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की, जो भारत में पशु कल्याण के क्षेत्र में एक अनूठा प्रयास है।

 

यह न केवल घायल और बेसहारा जानवरों के लिए एक सुरक्षित आश्रय है, बल्कि यह पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण की दिशा में भी एक साहसी कदम है।

एक ऐसे दौर में जब रईस घरों के युवाओं की खबरें अक्सर तेज़ रफ्तार गाड़ियों, पार्टीज़ और विवादों से जुड़ी होती हैं, अनंत अंबानी का जीवन एक सकारात्मक और प्रेरणात्मक उदाहरण प्रस्तुत करता है।

 

उन्होंने अपने कार्यों से यह दिखा दिया है कि यदि किसी को सही संस्कार, सही दिशा, और सही मूल्य मिलें, तो वह दुनिया को बेहतर बना सकता है – चाहे वह किसी भी घर में जन्मा हो।

 

हाल ही में जब उन्होंने सोमनाथ मंदिर की यात्रा पैदल तय की, तब देशभर में लोगों के दिलों को छू लिया। यह सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं थी – यह एक संदेश था, कि भक्ति, आस्था और विनम्रता आज भी जीवित हैं, भले ही व्यक्ति अरबों में खेलता हो। उनकी यह साधना यह दर्शाती है कि असली श्रद्धा दिखावे में नहीं, बल्कि सच्चे समर्पण में होती है।

अनंत अंबानी का जीवन एक उदाहरण है कि जब शिक्षा के साथ संस्कार, और संपत्ति के साथ सेवा का भाव हो, तब कोई भी व्यक्ति सच्चे मायनों में “महान” कहलाता है।

अनंत अंबानी जैसे युवा आज के समाज के लिए एक प्रेरणा हैं। वे यह साबित करते हैं कि कलयुग में भी धर्म, करुणा, और सेवा के मार्ग पर चलने वाले लोग मौजूद हैं – और वे अपने कार्यों से समाज को उजाले की ओर ले जा सकते हैं। यह लेख न सिर्फ उनके कार्यों की सराहना है, बल्कि एक संदेश भी है – कि असली अमीरी धन की नहीं, दिल की होती है।

 

नेहा वार्ष्णेय

दुर्ग छत्तीसगढ़