लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली कटौती, बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि और चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर आम आदमी पार्टी ने योगी सरकार को घेरते हुए तीखा हमला बोला है। गुरुवार को लखनऊ स्थित आप प्रदेश कार्यालय में प्रेस वार्ता कर निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार आम जनता को दोहरी मार दे रही है—एक ओर जहां शहर से गांव तक लोग बिजली कटौती से परेशान हैं, वहीं दूसरी ओर पावर कॉरपोरेशन बिजली की दरों में भारी इजाफे की तैयारी में है।सभाजीत सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने बुधवार को पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों पर बिजली कटौती और प्रस्तावित दर वृद्धि के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, “एक दिन में 10-10 बार बिजली कट रही है। अस्पतालों में बिजली नहीं है। बिजनौर मेडिकल कॉलेज में बिजली कटौती के चलते 26 साल के युवक की मौत हो गई, क्योंकि जनरेटर में तेल नहीं था। मां की गुहार पर भी जनरेटर नहीं चलाया गया।”उन्होंने आरोप लगाया कि फर्रुखाबाद में डॉक्टर टॉर्च की रोशनी में पर्चा लिख रहा है और हापुड़ के अस्पताल में महिला का प्रसव मोबाइल की लाइट में कराया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार प्रति किलोवाट शुल्क बढ़ाकर जनता की जेब पर और बोझ डालने की तैयारी में है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान ₹90 प्रति किलोवाट चार्ज को ₹150 किया जा रहा है, जबकि शहरी इलाकों में यह ₹110 से बढ़कर ₹190 होने वाला है।सभाजीत सिंह ने चेतावनी दी कि यदि सरकार बिजली दर वृद्धि का प्रस्ताव वापस नहीं लेती और बिजली कटौती पर रोक नहीं लगाती, तो आम आदमी पार्टी पूरे प्रदेश में चरणबद्ध आंदोलन करेगी। उन्होंने राहत इंदौरी की पंक्ति उद्धृत करते हुए कहा, “ये कुर्सी है जनाज़ा तो नहीं, कुछ कर नहीं सकते तो उतर क्यों नहीं जाते?”प्रेस वार्ता में मौजूद प्रदेश प्रवक्ता वंशराज दुबे ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि, “उत्तर प्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र खुद आईसीयू में है और सरकार फोटोशूट में व्यस्त है।” उन्होंने बदायूं जिला अस्पताल का उदाहरण देते हुए बताया कि वेंटीलेटर के अभाव में एक दिन में चार नवजात शिशुओं की मौत हो गई। हर महीने यहां 30 से 40 बच्चों की मौत इसी वजह से हो रही है।फतेहपुर की घटना का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “एक बाप अपने मासूम को गोद में लिए दौड़ता रहा, ऑक्सीजन की गुहार लगाता रहा लेकिन समय पर उसे नहीं मिला और उसकी मौत हो गई।” उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के डॉक्टर मरीजों की सेवा में नहीं, बल्कि दारू की व्यवस्था में लगे हैं। ललितपुर के सीएचसी में डॉक्टर के नशे में धुत्त होने के चलते एक घायल मरीज की जान चली गई।वंशराज ने वाराणसी का मामला उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पोस्टमार्टम के लिए लाशों को पाने के लिए ₹2000 देने पड़ते हैं। “योगीराज में इलाज किस्मत से और लाशें रिश्वत से मिलती हैं,” कहते हुए उन्होंने प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि राज्य का बजट साढ़े आठ लाख करोड़ का है, लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र पर महज 6% खर्च किया जा रहा है।प्रवक्ता ने बताया कि वाराणसी में एक करोड़ की लागत से बना एमआरआई भवन 2019 से अब तक बिना उद्घाटन के बंद पड़ा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी जनहित के मुद्दों को उठाना अपना कर्तव्य मानती है और इसी राह पर पार्टी आगे भी सरकार से सवाल पूछती रहेगी।अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल ने मसौली (बाराबंकी) के आरोग्य मंदिर की स्थिति उजागर करते हुए कहा कि वहां खड़ी एंबुलेंसें बैलगाड़ियों से भी बदतर हालत में हैं, वार्डों में कुत्ते बैठे हैं और छह फुट तक घास उग आई है। निरीक्षण में सामने आया कि मरीजों को दवाएं भी नहीं दी जा रहीं और उन्हें प्राइवेट मेडिकल स्टोर्स से दवा खरीदने को मजबूर किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि ये स्थिति सिर्फ बाराबंकी की नहीं, बल्कि ललितपुर से लेकर बलिया और गाजियाबाद से लेकर श्रावस्ती तक यही हाल है। आम आदमी पार्टी हर महीने सेवा कार्य के तहत इन स्वास्थ्य केंद्रों की हकीकत जनता के सामने लाने का कार्य करती रहेगी।आम आदमी पार्टी ने साफ किया कि यदि सरकार ने बिजली कटौती और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर गंभीरता नहीं दिखाई, तो प्रदेशव्यापी जनांदोलन अपरिहार्य होगा।