लखनऊ में कांग्रेस का “भागीदारी न्याय महासम्मेलन”

लखनऊ। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग विभाग द्वारा शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के प्रांगण में “भागीदारी न्याय महासम्मेलन” का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन की अध्यक्षता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पाण्डेय ने की, जबकि आयोजन के संयोजक हाल ही में नियुक्त किए गए प्रदेश पिछड़ा वर्ग विभाग के अध्यक्ष मनोज यादव रहे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कांग्रेस पिछड़ा वर्ग विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनिल जयहिन्द मौजूद रहे। विशिष्ट अतिथियों में प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ और राष्ट्रीय सचिव-सह प्रभारी प्रदीप नरवाल शामिल रहे। सम्मेलन का संचालन जितेंद्र पटेल ने किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. अनिल जयहिन्द ने कहा कि देश के 90 प्रतिशत पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक रोजाना शोषण का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने इसके लिए आरक्षण की 50% सीमा और संवैधानिक संस्थाओं में अनुपातहीन प्रतिनिधित्व को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जननायक राहुल गांधी के नेतृत्व में बहुजन समाज को अब न्याय और अधिकार मिलेगा, क्योंकि आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी का समय अब आ चुका है।राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पाण्डेय ने सम्मेलन में कहा कि वर्ष 2025 कांग्रेस का संगठन सृजन वर्ष है और इस प्रक्रिया का केंद्रीय आधार सामाजिक न्याय रहेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी सभी वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में संगठन में भागीदारी देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बहुजन समाज से आह्वान किया कि वे कांग्रेस से जुड़कर इस न्याय अभियान को सफल बनाएं।प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि सभी वर्गों के अधिकार तभी सुरक्षित रह सकते हैं जब संविधान सुरक्षित हो। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार न तो संविधान की रक्षा कर रही है और न ही वह जातिगत जनगणना को ईमानदारी से लागू करेगी। राहुल गांधी तेलंगाना मॉडल को देशभर में लागू करने की मांग कर रहे हैं, ताकि सामाजिक न्याय की बुनियाद मजबूत हो सके।कार्यक्रम के संयोजक मनोज यादव ने कहा कि पिछड़ा वर्ग विभाग प्रदेशभर में शोषित और वंचित समाज की आवाज बनेगा और भाजपा सरकार की पक्षपाती नीतियों के खिलाफ मुखर रहेगा। उन्होंने भरोसा जताया कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के नेतृत्व में 50% आरक्षण सीमा को हटाने और जातिगत जनगणना के आधार पर नीतिगत बदलाव की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जाएंगे।
सम्मेलन में आराधना मिश्रा ‘मोना’, प्रदीप नरवाल, सुशील पासी, अनिल यादव सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधन किया। मंच पर मौजूद अन्य प्रमुख नेताओं में दिनेश सिंह, राजबहादुर, डॉ. मसूद अहमद, देवेन्द्र निषाद, सुनीता सिंह पटेल, रामकुमार लोधी, आदर्श पटेल, कैलाश चौहान, मुकेश राजभर, अनीस अंसारी, डॉ. जियाराम वर्मा, शाहनवाज खान और अंशू अवस्थी सहित अनेक नेता उपस्थित रहे।सम्मेलन में हजारों की संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही, जिससे कांग्रेस के संगठनात्मक विस्तार और सामाजिक न्याय आधारित भागीदारी आंदोलन को नया उत्साह और ऊर्जा मिली है।