अनुराग लक्ष्य, 7 जून
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
इसमें कोई शक नहीं कि अल्लाह के जितने भी पैगम्बर इस सर ज़मीन पर आए, सभी ने इंसानियत और अल्लाह के वहदानियत के पैगाम को दुनिया में पहुंचाया।
इसी फेहरिस्त में हज़रत ए इब्राहीम अलइस्सलाम को अल्लाह ने इतना करीब कर लिया कि बतौर आजमाइश बेटे को कुर्बान करने का ख्वाब मुसलसल तीन दिन दिखाया। और इस ख्वाब को हकीकत में अमल पैरा होकर हज़रत ए इब्राहीम अलइस्सलाम ने अपने लख्त ए जिगर हज़रत ए इस्माईल अलईस्सलाम को अल्लाह की राह में कुर्बानी देने की ज़िंदा मिसाल पेश की।
यह बातें आज जैन सोसाइटी के पीर बाबा मस्जिद दरगाह के पेश इमाम हज़रत मौलाना सलमान साहब ने की। अपनी रूहानी बयान में उन्होंने मुल्क में भाई चारे और अम्न और शांति को कायम करने की बात करते हुए मज़हब ए इस्लाम को इंसानियत और भाईचारगी का मज़हब बताया।
पीरबाबा दरगाह मस्जिद के सेक्रेट्री नईम खान की देख रेख में नमाजियों ने नमाज़ पढ़ी और एक दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद पेश की।
इस मौके पर ईदुल अज़हा की नमाज़ मुंबई की अलग अलग मस्जिदों में अपने तय शुदा वक्त पर अदा की गई। धारावी, सायन, कुर्ला गोवंडी मानखुर्द शिवजी नगर दादर बांद्रा अंधेरी जोगेश्वरी माहिम माटुंगा से लेकर जकरिया रोड, मस्जिद बंदर, मुहम्मद अली रोड एंटोफिल तक पहुंचे नमाजियों ने पूरे जोश ओ ख़रोश के साथ नमाजे अदा की।
समाचार लिखे जाने तक कहीं से कोई अप्रिय घटना के समाचार नहीं हैं।