कर्नलगंज- गोण्डा । मो० भैरव नाथ स्थित बाबा शहीद मर्द के सालाना उर्स पर अज़ीमुश्शान नातिया मुशाए़रा आयोजित हुआ। अध्यक्षता सलमान अतहर बाराबंकवी ने की और याकूब ‘अज़्म’ गोण्डवी व मुशर्रफ अशरफी ने संयुक्त रूप से संचालन किया । तिलावते कुरआ़न से आग़ाज़ करते हुए क़ारी मासूम रज़ा ने तकरीर की । अमानतुल्लाह नानपारवी ने हम्द पेश की । संयोजक इमरान मसऊदी ने शाए़रों का स्वागत किया ।
अध्यक्षता कर रहे सलमान अतहर बाराबंकवी ने कहा – सिदरा से आगे कोई फरिश्ता न जायेगा – हीला है जिब्राईल के जो पर की बात है ।
यूनुस पैंतेपुरी ने मुकद्दर की बात की – असहाबे मुस्तफा का मुकद्दर तो देखिए – हर वक्त देखते थे जो सूरत रसूल की ।
गणेश तिवारी ‘नेश’ ने कहा – मुहम्मद न होते तो ईमां न होता – यक़ीनन मुसलमां, मुसलमां न होता ।
मुजीब सिद्दीक़ी ने पैमाना बताया – हम जिसे आशिके मक्की, मदनी जानते हैं – बस उसी शख़्स को ईमां का धनी जानते हैं ।
सलीम ‘ताबिश’ लखनवी ने आवाहन किया – जा कर तो कभी देखो महसूस तुम्हें होगा – क्या नूर का रौज़ा है, क्या नूर की जाली है ।
रईस सिद्दीक़ी बहराइची ने कहा – जब हैं रईस मेरे नबी शान्ती के दूत – आतंकवाद कैसे गवारा करेंगे हम ।
मुईद रहबर लखनवी ने पढ़ा – ज़ाते सरकारे दो आ़लम कितनी आलीशान है – अक़्ले इन्सां आज भी यह सोच कर हैरान है ।
फ़ौक बहराइची ने कहा – खुश्बुओं का वजूद बाक़ी है – मुस्तफा आपके पसीने से ।
साथ ही हाफिज़ ज़हीर कानपुरी, जुनैद अशरफ सुल्तानपुरी, जहांगीर लखनवी, ताज मुहम्मद कुरबान, कौसर सलमानी, हैदर गोण्डवी, शकील अशरफी, अजय श्रीवास्तव, तनवीर नूरी जरवली, राजू दुर्रानी, आलमगीर लखनवी, इमरान मसऊदी, ज़ाकिर अशरफी, क़ारी आज़ाद, इरफान मसऊदी, शाकिर व आरिफ ने कलाम पेश किये । अब्दुल गफ्फार ठेकेदार ने कामयाब मुशाए़रे पर मुबारक बाद पेश की। इस अवसर पर शकील अहमद, अनीस खां, हरीश शुक्ला, डा० असलम हाशमी, मौलाना उवैस क़ादरी, अलताफ राईनी, हाजी शफीक राईनी, साबिर सभासद, हाफिज़ हिसामुद्दीन, अब्दुल हई कुरैशी, जुनैद अंसारी, इरशाद अहमद, सग़ीर सिद्दीक़ी, उस्मान, गुफरान, वकील, ज़ीशान, मास्टर इक़बाल, वसीम खां, साहिल सहित अन्य मौजूद रहे ।
संयोजक इमरान मसऊदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया । सलाम व दुआ पर कार्यक्रम संपन्न हुआ ।