भरवलिया में शिव और जलंधर का हुआ मंचन

 

कुदरहा, बस्ती। कुदरहा ब्लाक के भरवलिया उर्फ टिकइया में चल रही श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ में वृंदावन धाम से पधारे कलाकारों ने रात्रि में रासलीला का मंचन व्यास तारा चंद्र महराज के नेतृत्व में हुआ। जिसमे कलाकारों ने शिव और जलंधर की रोचक कथा को प्रस्तुत कर दर्शको का मन मोह लिया।

       जालंधर बहुत ही शक्तिशाली असुर था। इंद्र को परास्त कर तीनों लोको का स्वामी बन गया था। उसकी पत्नी वृंदा पतिव्रता नारी थी। उसके शक्ति से देवी-देवता परेसान रहते थे। वह विष्णु लोक पर भी आक्रमण किया था। विष्णु को परास्त कर देवी लक्ष्मी को छीनने न की योजना बनायी। फिर बैकुंठ  पर आक्रमण कर दिया। देवी लक्ष्मी ने जालंधर से कहा हम दोनों की उत्पत्ति जल से हुई है इसलिए हम भाई बहन हैं। जालंधर प्रभावित हुआ और लक्ष्मी को बहन मानकर वापस चला गया। इसके पश्चात कैलाश पर चढ़ाई करने की योजना बनायी और देवी पार्वती को पत्नी बनाने का प्रयास करने लगा। फिर भगवान शंकर को जालंधर से युद्ध करना पड़ा। वृंदा के सतित्व के कारण भगवान का हर प्रहार विफल रहा और सभी देवता मिलकर रणनीति तैयार की। भगवान विष्णु जलंधर का रूप धारण कर वृंदा के पास पहुंचे। वह अपना पति समझ कर पत्नी के समान व्यवहार करने लगी। जिससे वृंदा का पतिव्रता धर्म टूट गया और शिव ने जालंधर का वध कर दिया। इसके पश्चात वृंदा आत्मदाह कर ली और उस राख से तुलसी के पौधे की उत्पत्ति हुई।

          कार्यक्रम आयोजक महंथ धीरेंद्र दास, प्रधान राजेश यादव, सोनू यादव, रामा यादव, प्रेम चंद्र पांडेय, अध्यक्ष दिलीप कुमार यादव, महंथ यादव, उग्रसेन पाल, सुरेंद्र यादव, दिलीप यादव, नरसिंह, जयसिंह, भालचंद्र, झिन्नान यादव, राकेश चालू, अमरजीत यादव, भालचंद्र, दुर्गेश यादव, अमर सिंह, राजमंगल, राजवंत सिंह, साहब राम, जितेंद्र सिंह सहित तमाम लोग मौजूद रहे।