महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या, [30 अप्रैल, 2025] । आज अयोध्या नगरी एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी, जब सिद्ध पीठ हनुमानगढ़ी के गद्दी नशीन प्रेमदास जी महाराज ने 300 वर्षों से चली आ रही एक अनूठी परंपरा को तोड़ते हुए अखाड़े की 52 बीघा की सीमा से बाहर कदम रखा। इस अभूतपूर्व घटना ने अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया। आज सुबह, गद्दी नशीन प्रेमदास महाराज एक भव्य शाही जुलूस के साथ हनुमानगढ़ी से बाहर निकले। अयोध्या तीर्थरोही समाज, जिसमें राजेश महाराज, दुर्गेश महाराज, प्रदीप पांडे, ओमप्रकाश पांडे, राजा महाराजा और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल थे, ने उनका भव्य स्वागत किया। मार्ग में जगह-जगह आरती उतारी गई और पुष्प वर्षा की गई।
तुलसी उद्यान के सामने पार्षद प्रतिनिधि रिशु पांडे, पार्षद अनुज दास, अभय श्रीवास्तव, विवेक तिवारी, ओम प्रकाश पांडे, विनय तिवारी और अन्य गणमान्य नागरिकों ने भी पुष्प अर्पित कर उनका अभिनंदन किया। श्रद्धालुओं के “जय श्री राम” के गगनभेदी जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी पुष्प वर्षा कर महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। इसके पश्चात, गद्दी नशीन महाराज ने सरयू नदी में स्नान किया और फिर श्रीराम जन्मभूमि के दर्शन के लिए प्रस्थान किया। रामलला के दर्शन के उपरांत, वे मंदिर परिसर में राम रक्षा स्त्रोत और हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। इसके बाद, वे परिक्रमा मार्ग पर चलकर आम श्रद्धालुओं के लिए भी परिक्रमा की शुरुआत करेंगे।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजकरण नैयर ने स्वयं जुलूस का स्वागत किया और सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी निगरानी की। इस ऐतिहासिक घटना को लेकर अयोध्या में उत्साह और श्रद्धा का अभूतपूर्व माहौल है। यह दिन निश्चित रूप से अयोध्या के धार्मिक और सांस्कृतिक इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया जाएगा।