अयोध्या 27जुलाई ।पुरुषोत्तम मास के पावन अवसर पर अशर्फी भवन आश्रम में विविध धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन नित्य चल रहा है 51 आचार्य श्रीमद् भागवत महापुराण का सफर पारण कर रहे है साथ ही में भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का 121 कलशो से दूध दही घी मधु शर्करा सरयू जल सर्व औषधी जल फलों के जूस से भगवान श्री लक्ष्मी नारायण का अभिषेक वैदिक पद्धति आगम पद्धति के प्रमुख मंत्रोचार के साथ जगदगुरू स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज प्रतिदिन कर रहे है। सुदर्शन महायज्ञ लक्ष्मी नारायण यज्ञ भोजन भंडारा गौ सेवा वानर सेवा यह सभी धार्मिक अनुष्ठान नित्य चल रहे हैं श्रीमद् भागवत कथा के मध्य चतुर्थ दिवस मे व्यास पीठ पर विराजमान जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए प्रेरणा देते है।
उन्होंने बताया कि प्रभु को साक्षी मानकर विष पीकर भी भगवान शिव अमर हो जाते हैं और मन में हीन भावना रखकर अमृत पान करने पर भी दैत्य राहु का वध प्रभु करते हैं संसार के सभी संबंध अनित्य हैं और परमात्मा का संबंध ही नित्य है अतः हर एक क्षण प्रभु चिंत न स्मरण भजन में व्यतीत करना ही इस कलिकाल में प्रमुख माध्यम है परीक्षित सुखदेव जी से कहते हैं प्रभु कोई ऐसी कथा श्रवण कराएं जिससे मेरा मन और भी स्थिर हो जाए सुखदेव जी महाराज पशु रूप में गज और ग्राह की कथा का श्रवण कराते हैं गज के विपत्ति में पड़ जाने पर जब संसार का सभी साथ छूट गया तो गज ने एक कमल पुष्प अपनी सूंड में लेकर प्रभु नारायण को स्मरण किया भगवान बैकुंठ से दौड़कर आते हैं काल रुपी ग्रह का संघार करते हैं शरणागत रक्षक है।
श्री महाराज जी ने बताया प्रभु भगवान श्री राम के जीवन चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा मनुष्य को मानवता की शिक्षा देने के लिए प्रभु मानव रूप में इस धरा पर आते हैं भगवान श्री राम के जैसा भ्रातृत्व प्रेम यदि हमारे जीवन में आ जाए तो इस घोर कलयुग में भी हम मनुष्य प्रसन्नता पूर्वक रह सकते हैं भक्त जनों की रक्षा के लिए और दुष्टों के विनाश के लिए धर्म की स्थापना के लिए भगवान इस धराधाम में रामकृष्ण आदि रूपों में अवतरित होते हैं महाराज श्री ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म तक की कथा का श्रवण कराया सभी भक्तों ने भगवान श्री कृष्ण का जन्म महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजनों के साथ नृत्य किया बधाई वितरित किया गया देश के विभिन्न राज्यों से पधारे भक्तजन सभी धार्मिक अनुष्ठानों का दर्शन प्राप्त करके धन्य हो रहे हैं कथा का समय 3 बजे से शाम 7बजे तक है सभी भक्तजन कथा में पधारकर अपने जीवन को धन्य करें।