दशरथ महल में श्रीमद भागवत कथा की मंदाकिनी में गोते लगा रहे हैं कथा प्रेमी भक्त

 

महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या। श्री राम जी से अधिक मर्यादा थी गोस्वामी जी की लेखनी में। राम जी से अधिक तपस्या यदि किसी ने किया तो वे भरत जी थे। राम जी को याद तो सभी की आती थी किंतु भरत जी का वियोग उनसे नहीं सहा गया। प्रयाग राज में पुरोहितों ने संकल्प कराना शुरू किया भरत जी का नाम आने पर राघव मूर्छित होकर गिर पड़े। लोगों ने संभाला राम जी ने कहा अरे मैं भरत के खण्ड में खड़ा हूं। गोदी में कौशल्या की गोद में आते कौशल्या उन्हें दूध नहीं पिलाती थी अरे राम ब्रह्म है मैं उसे दूध कैसे पिलाऊं।कौशल्या भरत को दूध पिलाती तो राम जी को कैकेई दूध पिलाती थी।उक्त उद्गार हैं वृंदावन धाम से पधारे यशस्वी कथा व्यास श्रद्धेय डॉ मनोज मोहन शास्त्री जी के। स्मृतव्य है कि श्री शास्त्री जी श्री राम जन्मोत्सव के पुनीत अवसर पर कथा प्रेमी भक्तों को श्री मद भागवत कथा रस का पान करा रहे थे। दशरथ महल पीठाधीश्वर विंदु गद्दाचार्य स्वामी श्री देवेंद्र प्रसादाचार्य जी महाराज एवं उनके प्रिय शिष्य जगद गुरु अर्जुन द्वाराचार्य कृपालु श्री राम भूषण दास जी महाराज के व्यवस्थापकत्व में संचालित श्री मद भागवत कथा की मंदाकिनी में भक्त गोते लगा कर स्वयं को कृतकृत्य कर रहे हैं। व्यास जी ने इस पुनीत अवसर पर कहा कि अधर्म का कभी नाश नहीं हो सकता। अविनाशी के द्वारा जिसका जन्म हुआ उसका क्या कभी नाश हो सकता है। व्यास जी कहते है ना तो कभी धर्म का नाश हो सकता है ना कभी अधर्म का। भगवान का अवतार जब 6 बालक कंश ने मार दिया तो भगवान श्री कृष्ण जी का जन्म हुआ। आकाश वाणी हुई रे दुष्ट कंस जिसे तू छोड़ने जा रहा है उसी के आठवें गर्भ से तेरा वध होगा। कंस ने 7 बालकों को मार दिया। आठवें बालक का जन्म होने की सूचना देने की हिदायत देवकी को दी। कंस को हर पल मृत्यु का डर सताने लगा। अंत अन्ततः वह समय भी आ गया, कृष्ण पक्ष की अष्टमी को चंदमा पूर्ण रूप में हो गया। पृथ्वी अपने पुत्र मंगल को गोद में लेकर नृत्य करने लगी, नदियों का जल सलिल हो गया। भाद्र पक्ष, अष्टमी को मध्य रात्रि 12 बजे कृष्ण जी का जन्म हुआ। अदभुत बालक है, ब्रह्मा जिसका बेटा है जब उसका जन्म हुआ तो बालक तो अद्भुत ही होगा। भगवान का जन्म अष्टम माह में ही हुआ। भगवान के जन्म के पुनीत अवसर पर वैदिक छात्रों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। बधाई गान से संपूर्ण कथा पंडाल गुंजायमान हो गया।इस पुनीत अवसर पर संकट मोचन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री महंत संजय दास जी महाराज, श्री महंत माधव दास जी महाराज हनुमानगढ़ी, महंत श्री राम कुमार दास जी महाराज हनुमानगढ़ी, राम गुफा के महामंडलेश्वर श्री भानु दास जी महाराज, महंत श्री राम शंकर दास जी महाराज रामायणी, श्री महंत बृजमोहन दास जी खाक चौक अयोध्या, संत श्री वरुण दास जी, साध्वी गीता रामायणी, मिथिला से पधारी सिया सुंदरी सखी जी, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राम शंकर शुक्ला जी वकील बाबा, पुजारी डॉ राम जी दास महाराज जी सहित बड़ी संख्या मे संत महंत भक्त अतिथि शामिल रहे। भगवान श्री कृष्ण जी के पावन जन्मोत्सव पर पुष्पों, खिलौनों की बौछार होने लगी, सभी संत, भक्त झूम झूम कर नृत्य करने लगे।