महेन्द्र कुमार उपाध्याय
अयोध्या । उत्तर प्रदेश – 29 मार्च 2025 को श्रीअरविंद के 36वें स्मृति दिवस के अवसर पर, श्रीअरविंद साधनालय, अयोध्या धाम में “भारत में श्रीअरविंद की समग्र शिक्षा का पुनरुत्थान” विषय पर एक शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
अखिल उड़ीसा श्रीअरविंद अध्ययन मंडल समिति, मातृभवन, कटक, उड़ीसा द्वारा श्रीअरविंद आश्रम पांडिचेरी के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में देश भर के विद्वानों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।
संगोष्ठी की अध्यक्षता वेद भाष्यकार पंडित देवी सहाय पांडे, अयोध्या धाम ने की। मुख्य अतिथि के रूप में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव श्री चंपत राय जी ने श्रीअरविंद के शिक्षा दर्शन के महत्व पर प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथियों में महापौर माननीय श्री गिरीशपति त्रिपाठी जी, निखिल भारतीय तीर्थ विकास समिति के सचिव श्री सायन कुणाल, पूर्व उपकुलपति डॉ. प्रफुल्ल मिश्रा, प्रोफेसर दिगंत बिस्वा सरमा और श्री तरुण खेतान शामिल थे।
मुख्य वक्ता श्री पंकज बगड़िया ने श्रीअरविंद की शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे।
संगोष्ठी में मॉडरेटर के रूप में प्रोफेसर विभा वैष्णव और प्रोफेसर श्यामा कानून ने सत्र का संचालन किया। पैनलिस्टों में प्रोफेसर संपदानंद मिश्रा, डॉ. योगेश मोहन और प्रोफेसर प्रशांत कुमार पात्रा ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
कार्यक्रम में अयोध्या के कई प्रतिष्ठित संतों ने भी भाग लिया, जिनमें जगतगुरु श्री राघवाचार्य जी महाराज, महंत भरत दास जी महाराज, महामंडलेश्वर महेश योगी जी और महंत डॉ. संतोष दास जी शामिल थे। उड़ीसा से आई सुश्री विजयिनी महापात्रा जी, डॉ श्यामा जी, विवेकानंदम संस्थान के अवधेन्द्र पाण्डेय जी, गीतकार शैलेन्द्र मासूम जी, अरविंद साधनालय के प्रबंधक धर्मेंद्र जी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। संगोष्ठी में श्रीअरविंद की शिक्षा के प्रसार और पुनरुत्थान पर विस्तृत चर्चा हुई। वक्ताओं ने उनके विचारों को वर्तमान शिक्षा प्रणाली में शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।