अयोध्या हिंदू नव वर्ष के मौके पर ओजस्वी फाउंडेशन के अध्यक्ष राज श्री एकनाथ महाराज ने हिंदुत्व और सनातनी परंपराओं के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में भारत को अपनी स्वतंत्रता से वंचित किए जाने के बाद हिंदू सनातनी परंपराओं के साथ छेड़छाड़ की गई। महाराज ने बताया कि अंग्रेजों ने अपना कैलेंडर लागू कर हमारे पारंपरिक हिंदू कैलेंडर को नकार दिया, जिससे हम अपनी जड़ों से दूर होते गए।
राज श्री एकनाथ महाराज ने उदाहरण देते हुए बताया कि हिंदू कैलेंडर में 12 महीने के बजाय 13 महीने होते थे, जिससे नौकरीपेशा लोगों को एक अतिरिक्त महीने की सैलरी मिलती थी। अंग्रेजों ने अपनी साजिश के तहत हिंदू कैलेंडर को हटाकर अपना अंग्रेजी कैलेंडर लागू किया, जिससे एक महीने की सैलरी कम हो गई। हालांकि, अंग्रेजों ने इसके बदले बोनस देने की कोशिश की, लेकिन असल में यह एक छल था।
महाराज ने यह भी कहा कि हिंदू नव वर्ष को पूरे देश में मनाया जाना चाहिए और इसे एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना जन्मदिन हिंदू नव वर्ष के अनुसार मनाना चाहिए, ताकि हमारी पारंपरिक धरोहर और संस्कृति का संरक्षण हो सके।
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस नव वर्ष पर हिंदू संस्कृति और परंपराओं का पालन करें और उनका सम्मान करें। ओजस्वी फाउंडेशन की ओर से इस अवसर पर दस हजार से अधिक लोगों को हिंदी कैलेंडर वितरित किए गए।
इस कार्यक्रम में अहिल्या नगर के पालकमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटील, तालुके के आमदार अमोल खताळ, ओजस्वी फाउंडेशन के अध्यक्ष विनोद मनोहर गायकवाड, महाराष्ट्र अध्यक्ष संदीप बाबुराव सरवार, और अहमद नगर अध्यक्ष उत्तम जाधव सहित कई प्रमुख नेता और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।