शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान हर नारी का अधिकार – विकास गोस्वामी

रिपोर्ट कालिंदी तीवारी संतकबीरनगर

– जागरूकता के क्रम में तीसरे कार्यक्रम का हुआ आयोजन

संत कबीर नगर – जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रभारी जनपद न्यायाधीश श्री प्रमोद कुमार-तृतीय के निर्देशन में आज दिनांक 25.07.2023 को तहसील मेंहदावल के सभागार में महिलाओं के हित संरक्षण व उनके अधिकारों के सम्बन्ध में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री विकास गोस्वामी द्वारा की गई। श्री गोस्वामी ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम एक आर्थिक और राजनीतिक शक्ति पुंज के रूप में उभर रहे हैं। हमारे संविधान ने हमें जो अधिकार और अवसर दिए हैं उन्हें भी प्रमुखता मिल रही है। आज महिलाएं भी मेहनत कर रही हैं और अपने कॅरियर को लेकर गंभीर हैं। ऐसे में महिलाओं को भारतीय कानून द्वारा दिए गए अधिकारों के प्रति जागरूक होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि समान पारिश्रमिक अधिनियम के अनुसार अगर बात वेतन या मजदूरी की हो तो लिंग के आधार पर किसी के साथ भी भेदभाव नहीं किया जा सकता। काम पर हुए यौन उत्पीड़न अधिनियम के अनुसार आपको यौन उत्पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है। शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी। यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को नाम न छापने देने का अधिकार है। अपनी गोपनीयता की रक्षा करने के लिए यौन उत्पीड़न की शिकार हुई महिला अकेले अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में या फिर जिलाधिकारी के सामने दर्ज करा सकती है। कार्यक्रम में वरिष्ठ महिला अधिवक्ता रंजू देवी ने घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार की जानकारी देते हुए कहा कि यह अधिनियम मुख्य रूप से पति पुरुष लिव इन पार्टनर या रिश्तेदारों द्वारा एक महिला लिव इन पार्टनर या फिर घर में रह रही किसी भी महिला जैसे मां या बहन पर की गई घरेलू हिंसा से सुरक्षा करने के लिए बनाया गया है। आप या आपकी ओर से कोई भी शिकायत दर्ज करा सकता है। श्री गोस्वामी ने कहा कि बलात्कार की शिकार हुई किसी भी महिला को मुफ्त कानूनी मदद पाने का पूरा अधिकार है। यदि किसी भी महिला को विधिक सहायता की आवश्यकता होती है तो ये ज़रूरी है कि वह विधिक सेवा प्राधिकरण को वकील अथवा अन्य लीगल एड की व्यवस्था करने के लिए सूचित करे। एक महिला को सूरज डूबने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। किसी खास मामले में एक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश पर ही ये संभव है। किसी मामले में अगर आरोपी एक महिला है तोए उस पर की जाने वाली कोई भी चिकित्सा जांच प्रक्रिया किसी महिला द्वारा या किसी दूसरी महिला की उपस्थिति में ही की जानी चाहिए। इसी क्रम में तहसीलदार निशा श्रीवास्तव एवं जिला प्रोबेशन अधिकारी श्वेता त्रिपाठी द्वारा सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनायें जैसे- मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, उ0प्र0 राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, बैंकिग कारस्पोडेंट सखी, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, राष्ट्रीय पोषण मिशन आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम में पराविधिक सवयं सेवक जितेन्द्र कुमार, अफराक, महेश कुमार समेत तमाम महिलायें उपस्थित रहीं।

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