नगर निगम ने सरकारी जमीन पर हो रहे अवैध कब्जे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए सरोजनी नगर तहसील के ग्राम सदरौना में अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव की निगरानी में इस अभियान को अंजाम दिया गया।नगर निगम की टीम, तहसील प्रशासन और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंची, जहां प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही थी। कुछ स्थानों पर अस्थायी बाउंड्रीवाल और सड़कें भी बना दी गई थीं। नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन की मदद से इन सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई में नायब तहसीलदार रत्नेश कुमार के नेतृत्व में नगर निगम राजस्व निरीक्षक अविनाश चंद्र तिवारी, लेखपाल अजीत तिवारी, राहुल यादव और थाना पारा की पुलिस टीम ने सहयोग दिया।अभियान के दौरान कुल 0.226 हेक्टेयर सरकारी जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया, जिसका बाजार मूल्य लगभग 4.90 करोड़ रुपये आंका गया है। यह जमीन खसरा संख्या 2017, 2018 और 1483 में दर्ज थी और इसमें कुछ हिस्सा बंजर व ऊसर भूमि के रूप में सरकारी रिकॉर्ड में शामिल था।कार्रवाई के दौरान कुछ प्रॉपर्टी डीलरों ने विरोध करने की कोशिश की, लेकिन नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने सख्ती और समझाइश से स्थिति को नियंत्रित कर लिया। अधिकारियों ने मौके पर मौजूद लोगों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करना गैरकानूनी है और इस पर किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकता।
नगर निगम ने स्पष्ट किया कि सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह के अभियान लगातार जारी रहेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आम जनता से भी अपील की गई कि वे किसी भी अवैध प्लॉटिंग या कॉलोनी में जमीन खरीदने से पहले उसकी कानूनी स्थिति की पूरी जांच-पड़ताल कर लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।सरोजनी नगर में हुई यह कार्रवाई नगर निगम के व्यापक अभियान का हिस्सा है, जिसका मकसद सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराना और प्रॉपर्टी माफियाओं पर सख्ती से लगाम लगाना है। लखनऊ नगर निगम की यह पहल शहर के सुव्यवस्थित विकास और सुचारू प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी