अरुण दिनेश के तराने” साझा संकलन का भव्य विमोचन

गोरखपुर : विश्व शांति मिशन के तत्वावधान में होली के अवसर पर हुमायूंपुर स्थित कार्यालय पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन ‘रायबरेली काव्य रस साहित्य मंच’ के शीर्ष पदाधिकारियों के सम्मान में किया गया। जिसमें अरुण ब्रह्मचारी और दिनेश गोरखपुरी की साझा पुस्तक “अरुण दिनेश के तराने” का भव्य विमोचन किया गया।

कवि सम्मेलन की अध्यक्षता रायबरेली के वरिष्ठ कवि अवधी सम्राट इंद्रेश भदौरिया ने की। जबकि गोंडा के देहदानी कवि सुधीर श्रीवास्तव मुख्य अतिथि थे।

कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन के बाद आयोजित कवि सम्मेलन में सर्वप्रथम वरिष्ठ कवयित्री डा. प्रेमलता रसबिंदु द्वारा सरस्वती वंदना से रचना पाठ का प्रारंभ किया गया तत्पश्चात राम सुधार सिंह सैंथवार ने अपनी रचना ‘कौन यहां किसका होता है, कौन किसी का दुख ढोता है’, पढ़कर वाहवाही लूटी इसके पश्चात वरिष्ठ कवि चंद्रगुप्त प्रसाद वर्मा अकिंचन ने अपनी रचना स्वप्न सुंदरी से ‘वह तुम ना थी तो कौन थी’ सुनाया तत्पश्चात रायबरेली से आए कवि शिव कुमार सिंह शिव ने व्यंग्य रचना ‘ऐसा हो जाए यदि पत्थर भी तरल हो जाए,धातुयें तैरें पानी में अमृत भी गरल हो जाए,’ सुना कर ब्यंग्य का कुठाराघात किया, तत्पश्चात राजीव रंजन मिश्रा ने ‘सोच कर यार से बात करनी पड़े, ऐसी यारी पर लानत है सौ-सौ दफा,’ सुना कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया। मुख्य अतिथि सुधीर श्रीवास्तव ने अपनी सुप्रसिद्ध रचना ‘यमराज मेरा यार’ सुनाकर एक नया आयाम रचा। अध्यक्षता कर रहे इंद्रेश भदौरिया ने होली पर अपनी रचना ‘अंग अंग कसकत पिय हमरो उठत पीर दुखदाई ‘,सुन कर माहौल को रंगीला बना दिया, दिनेश गोरखपुरी ने पढ़ा ‘जो मन सुंदर ना हो तुम्हारे तन सुंदर है प्यार , सुनाकर माहौल में रंगीनी भर दिया। शिवनाथ सिंह शिव ने होली पर अपनी रचना से वाहवाही लूटी।इसके साथ ही अभय श्रीवास्तव, कुंदन वर्मा पूरब, कृष्ण श्रीवास्तव आदि ने भी अपनी रचना सुना कर नई ऊंचाई प्रदान किया।

कार्यक्रम का संचालन राजीव रंजन मिश्रा द्वारा किया गया । इस अवसर पर अत्ताउल्लाह शाही, हाजी मकबूल मंसूरी, नगीना लाल प्रजापति, मोतीचंद प्रसाद, संजय श्रीवास्तव, आरती प्रजापति, सुमन वर्मा आदि तमाम लोग उपस्थित थे ।