ओ३म्
“देहरादून में आर्यसमाज के पुराने स्तम्भ कर्नल रामकुमार आर्य जी नहीं रहे”
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देहरादून में आर्यसमाज के पुराने स्तम्भ ऋषिभक्त कर्नल राम कुमार आर्य जी नहीं रहे। आज प्रातः लगभग 3.30 बजे देहरादून के इन्द्रेश अस्पताल में उनका निधन हो गया। वह लगभग 85 वर्ष के थे। विगत लगभग 40 वर्षों से अधिक समय से हमारे उनके साथ निकट सम्बन्ध रहे। उन्होंने वेदों सहित आर्यसमाज के सभी प्रमुख ग्रन्थों का स्वाध्याय किया था। वह मूल रूप से हिसार-हरयाणा के रहने वाले थे। उनके पिता एवं परिवार के सभी भाई-बन्धु आर्यसमाज की विचारधारा से जुड़े रहे हैं। उनकी मृत्यु से देहरादून में आर्य विचारधारा का एक दृण आर्यसमाजी व्यक्ति अब नहीं रहा।
जब तक कर्नल रामकुमार आर्य जी का स्वास्थय ठीक रहा वह आर्यसमाज धामावाला, देहरादून के सत्संगों में आया करते थे। दिनांक 2 अप्रैल, 2017 को उन्होंने गुरुकुल पौंधा, देहरादून के आचार्य डा. धनंजय एवं उनके ब्रह्मचारियों के सहयोग से एक वृहद यज्ञ एवं सत्संग का आयोजन किया था जिसमें कीर्तिशेष भजनोपदेशक पं. सत्यपाल सरल जी के भजनों को सुनने का उनके गजियांवाला स्थित निवास पर यहां के ग्रामवसियों को अवसर मिला था। इस यज्ञ में आर्यजी ने अपने हरियाणावासी सभी भाई व बहिनों सहित ग्रामवासियों एवं संबंधियों को भी निमंत्रित किया था। इस गांव में आर्यसमाज का यह पहला सत्संग था जिसकी सभी ग्रामवासियों ने प्रशंसा की थी ऐसा हमें कर्नल रामकुमार आर्य जी ने बताया था।
कर्नल रामकुमार आर्य जी अनेक वर्षों तक डीआईओएस के प्रभारी अधिकारी थे। कुछ वर्ष पूर्व तक वह हमें वहां अपने पास बुलाते थे और जलपान कराकर तथा आर्यसमाज और इसके साहित्य आदि की लगभग एक घंटा चर्चा कर विदा किया करते थे। कर्नल रामकुमार जी ने गुरुकुल पौंधा में अपने लिये एक कुटिया भी बनवा रखी थी। कोरोना रोग से पहले तक वह गुरुकुल के उत्सव के दिनों में उसमें जा कर रहा करते थे। महीने-दो महीनों में एक बार वह दो तीन घंटे के लिये हमें साथ लेकर गुरुकुल जाते थे। कर्नल साहब देहरादून के वैदिक साधन आश्रम तपोवन के उत्सवों में भी जाया करते थे। मासिक पत्र वेद प्रकाश एवं पवमान आदि कई पत्रिकाओं के भी वह पाठक थे। कर्नल आर्य जी ने स्वामी सत्यपति जी, रोजड़ के उपदिष्ठ तीन खण्डों में प्रकाशित वृहद ग्रन्थ ‘बृहति ब्रह्म मेधा’ का भी आद्योपान्त अध्ययन किया था। इसके वह अत्यन्त प्रशंसक थे। हमने भी इस ग्रन्थ का आद्योपान्त अध्ययन किया है। इसकी दो अतिरिक्त प्रतियां मंगाकर भी उन्होंने अपने अनुज भ्राताओं को भेंट की थी।
कर्नल रामकुमार आर्य जी के परिवार में उनकी धर्मपत्नी, एक पुत्र श्री विवेक आर्य जो भारतीय सेना में बिग्रेडियर के पद पर हैं तथा मध्य प्रदेश के ग्वालियर में निवास कर रही एक पुत्री हैं जो अपने परिवार के साथ वहां रहती हैं। कर्नल साहब की अन्त्येष्टि कल दिनांक 27-2-2025 को देहरादून के चन्द्रबनी शमशान घाट में वैदिक रीति से अपरान्ह 12.30 बजे होगी।
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह कर्नल रामकुमार आर्य जी आत्मा को सद्गति वा शान्ति प्रदान करें एवं उनके परिवारजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें।
-मनमोहन कुमार आर्य