महाकुंभ में ‘संस्कृति का महाकुंभ’ बना आकर्षण का केंद्र

लखनऊ महाकुंभ में आयोजित ‘संस्कृति का महाकुंभ’ अपनी सांस्कृतिक विविधता और कला की छटा से श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बना हुआ है। 13 जनवरी से संस्कृति विभाग द्वारा सजे 20 मंचों और 4 पंडालों में सुर, संस्कृति, सभ्यता और विविधता में एकता के रंग बिखर रहे हैं। गंगा, यमुना, सरस्वती और त्रिवेणी पंडालों में देशभर से आए कलाकारों द्वारा वादन, नृत्य और नाट्य की अनुपम प्रस्तुतियां श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर रही हैं।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री नव्व जयवीर सिंह ने बताया कि इसी कड़ी में 14 फरवरी को सेक्टर-1 में स्थित गंगा पंडाल में श्रद्धालु और पर्यटक नवदीप वडाली के मधुर संगीत का आनंद उठा सकेंगे। उनके साथ बनाश्री राव कुचुपुड़ी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देंगी, जबकि शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए विद्याधर व्यास अपनी गायकी से सुर और ताल का संगम रचाएंगे।मशहूर सूफी गायक और कव्वाल पूरनचंद वडाली के पौत्र नवदीप वडाली ने महज 19 साल की उम्र में ‘इंडियन आइडल’ में अपनी गायकी से पहचान बनाई थी। तब से लेकर अब तक वे अपनी सुरीली प्रस्तुतियों से संगीत प्रेमियों का दिल जीतते आ रहे हैं।बनाश्री राव पिछले 30 वर्षों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कुचुपुड़ी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह रही हैं। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता बनाश्री वर्तमान में कुचुपुड़ी डांस अकादमी में शिक्षण कार्य भी कर रही हैं।पर्यटन मंत्री ने बताया कि महाकुंभ में संस्कृति के इस अद्भुत संगम को देखने और सुनने के लिए श्रद्धालु और दर्शक बड़ी संख्या में उपस्थित हो रहे हैं। ‘संस्कृति का महाकुंभ’ कला प्रेमियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव साबित हो रहा है।