देश के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 117वीं जयंती मनाई 

कुशीनगर, 23 जुलाई महान क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद की 117वीं जयंती पर कसया नगर के गोला तिराहा स्थित उनके प्रतिमा स्थल की सफाई किया गया फिर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। लोगों ने प्रखर राष्ट्रभक्त चंद्रशेखर आजाद के त्याग, बलिदान एवं संघर्ष को स्मरण करते हुए संकल्प लिया की भारत के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे और भारत को विश्व पटल पर नई ऊंचाईयों तक पहुंचाएंगे।
एसएचओ डा.आशुतोष तिवारी ने कहा कि शहीद चंद्रशेखर आजाद ने अपने जीवन काल में क्रांतिकारियों को अपना परिवार और राष्ट्र प्रेम को अपना घर माना। हमें देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों के राष्ट्र प्रेम और भाईचारे से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए।1922 में गांधी जी द्वारा असहयोग आंदोलन को अचानक बंद कर दिये जाने के चलते चंद्रशेखर आजाद की विचारधारा में परिवर्तन आया और वे क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़ गये। 9 अगस्त 1925 को ऐतिहासिक काकोरी कांड को अंजाम दिया, 1927 में बिस्मिल के साथ 4 प्रमुख साथियों के बलिदान के बाद उन्होनें उत्तर भारत की सभी क्रान्तिकारी पार्टियों को मिलाकर एक करते हुए हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन का गठन किया, लाहौर में लाला लाला लाजपत राय की मौत का बदला सांडर्स की हत्या कर लिया और फिर दिल्ली पहुंच कर असेम्बली बम काण्ड को अंजाम दिया। समाजसेवी ओमप्रकाश जायसवाल ने कहा कि  स्वतंत्रता के लिए अपना जीवन अर्पण करने वाले युवकों में चंद्रशेखर आजाद का नाम सदा अमर रहेगा। वे भारत माता के सच्चे सपूत थे।उन्होंने कहा कि ऐसे महामानव से हमें और हमारी आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए। इस अवसर पर स्थानीय लोगों के बीच मिठाई भी वितरित किया गया। इस मौके पर अनिल पांडेय, वीरेंद्र सिंह,राजू जायसवाल,श्रीबाबू, असगर अली,पवन जायसवाल,विजय आदि मौजूद रहे।

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