प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु 20 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण

उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री  धर्मपाल सिंह ने आज पशुपालन निदेशालय में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के 11 जनपदों के 20 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का वर्चुअल लोकार्पण किया। इनमें हरदोई में 05, आगरा में 03, और अन्य जनपदों जैसे बांदा, फर्रूखाबाद, कासगंज, हाथरस, सीतापुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, शाहजहांपुर और सुल्तानपुर में एक-एक से दो-दो केंद्र शामिल हैं। इन केंद्रों का निर्माण लागत ₹3202.04 लाख है, और प्रत्येक केंद्र में लगभग 400 गोवंश को संरक्षण देने की क्षमता है।कार्यक्रम में भारत सरकार के केंद्रीय राज्य मंत्री श्री एस.पी. सिंह बघेल भी ऑनलाइन जुड़े रहे और प्रदेश सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। श्री धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर संबंधित जनपदों के क्षेत्रीय विधायकों, ग्राम प्रधानों, जिलाधिकारियों और केयरटेकरों से गोवंश के सही रखरखाव पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों से स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग लेकर गो संरक्षण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने की बात कही और गोशालाओं में चारे, भूसे और उचित प्रकाश व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया।प्रदेश में अब तक 7753 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है, जिनमें 12,43,107 निराश्रित गोवंश का संरक्षण किया जा रहा है। इसके अलावा, 543 वृहद गो संरक्षण केंद्रों को स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 372 का निर्माण पूरा हो चुका है। पिछले 6 महीने में 73 वृहद गो संरक्षण केंद्रों का निर्माण भी किया गया है।केंद्रीय राज्य मंत्री श्री सिंह ने कहा कि सड़कों और राजमार्गों के पास स्थित ग्रामों में पशुओं के सड़क पर आने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पशुओं के गले में रेडियम पट्टी लगाने का निर्देश दिया गया है। इस योजना के तहत जिलों में उ0प्र0 गो संरक्षण एवं संवर्धन कोष की धनराशि से कार्य किया जाएगा।कार्यक्रम में प्रमुख सचिव  के. रविन्द्र नायक ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए विभाग ने विभिन्न विभागों के साथ मिलकर लगातार अभियान चलाया है, और इस दिशा में विभाग द्वारा निरंतर सार्थक कार्य किए जा रहे हैं।कार्यक्रम में पशुधन विभाग के विशेष सचिव श्री देवेन्द्र पांडे, निदेशक डॉ. जयकेश पांडे, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।