लखनऊ पुलिस ने अपराध की दुनिया में खौफ पैदा करने वाले एक खतरनाक गैंग का भंडाफोड़ करते हुए दो अपराधियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। यह गैंग प्रदेशभर में लूट, हत्या, अपहरण और जहरखुरानी जैसी गंभीर वारदातों को अंजाम देता था। 11 जनवरी 2025 को क्राइम ब्रांच लखनऊ, डीसीपी वेस्ट क्राइम ब्रांच और थाना पारा पुलिस की संयुक्त टीम ने यह सफलता हासिल की।मुखबिर से सूचना मिली थी कि मोहान की ओर से एक स्विफ्ट डिजायर कार में संदिग्ध अपराधी लखनऊ में प्रवेश करने वाले हैं। पुलिस ने तुरंत नहर तिराहे और आगरा एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट के पास मौदा मोड़ पर घेराबंदी शुरू की। कुछ ही देर में एक संदिग्ध कार आती दिखाई दी। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन अपराधियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें दो बदमाश घायल हो गए। हालांकि, एक बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार होने में कामयाब हो गया।गिरफ्तार बदमाशों की पहचान अजय यादव और कमलेश पासवान उर्फ अखिलेश के रूप में हुई। दोनों आजमगढ़ के रहने वाले हैं और पहले से ही कई आपराधिक मामलों में वांछित थे। पुलिस ने इनके पास से तमंचे, कारतूस, लूटा गया मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल की गई स्विफ्ट डिजायर कार बरामद की है।दोनों अपराधी गोंडा के नवाबगंज क्षेत्र में 7 जनवरी 2025 को प्रधानाचार्य कृष्ण कुमार सिंह के अपहरण और उनसे नशीला पदार्थ देकर लूटपाट की वारदात में शामिल थे। यह अपराधी कई जिलों में आतंक का पर्याय बने हुए थे।फरार अपराधी रमाशंकर पॉल को पकड़ने के लिए पुलिस ने विशेष टीमों को कांबिंग ऑपरेशन में लगाया है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।घायल बदमाशों को इलाज के लिए लोहिया अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने साफ किया है कि इन अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और इनके नेटवर्क को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा।लखनऊ पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस कार्रवाई से क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर भरोसा मजबूत हुआ है और अपराधियों को कड़ा संदेश दिया गया है कि कानून से बच पाना संभव नहीं है।