लखनऊ के मदेयगंज थाना क्षेत्र में 30 दिसंबर 2024 को हुई एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस ब्लाइंड मर्डर केस को सुलझाते हुए तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। यह मामला प्रेम, साजिश और धोखे की एक खौफनाक कहानी है।घटना की शुरुआत तब हुई जब मोहम्मद रिजवान नामक टैक्सी चालक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जांच में पता चला कि हत्या असल में इरफान अली नामक व्यक्ति को निशाना बनाकर की गई थी। इरफान, मुख्य आरोपी आफताब अहमद की प्रेमिका के पिता थे। आफताब, जो पेशे से अधिवक्ता है, अपनी पूर्व जूनियर अधिवक्ता से प्रेम करता था। शादी के बाद, जब प्रेमिका के पति ने उनकी मुलाकातों पर रोक लगा दी, तो आफताब ने प्रेमिका के पिता को रास्ते से हटाने की साजिश रची।आफताब ने अपने मकसद को पूरा करने के लिए मोहम्मद यासिर और कृष्णकांत उर्फ साजन को हत्या के लिए तैयार किया। उसने यासिर को दो लाख रुपये और हथियार देने का वादा किया, जिसने इस काम में कृष्णकांत को साथ लिया। 29 दिसंबर को दोनों ने इरफान अली के घर की रेकी की और 30 दिसंबर की रात को हत्या का प्रयास किया। हालांकि, गलती से उन्होंने इरफान अली के बजाय टैक्सी चालक मोहम्मद रिजवान की हत्या कर दी।घटना के बाद, अपराधियों ने आफताब से पैसे मांगे, लेकिन उसने काम अधूरा होने की बात कहकर इनकार कर दिया। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की, तो तकनीकी साक्ष्यों और गहन पूछताछ के बाद इन तीनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल एक अवैध तमंचा, 14 जिंदा कारतूस, एक खोखा कारतूस, तीन मोबाइल और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल बरामद की। अभियुक्तों में से कृष्णकांत का लंबा आपराधिक इतिहास है, जिसमें हत्या, धोखाधड़ी और गोकशी जैसे कई मामले शामिल हैं।पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की टीम ने इस जटिल मामले को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई। अभियुक्तों को पकड़ने और साजिश का पर्दाफाश करने में थाना मदेयगंज के प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह और उनकी टीम की सराहना हो रही है। इस खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराध कितना भी सुनियोजित क्यों न हो, कानून की नजरों से बच नहीं सकता।
प्यार, साजिश और हत्या:
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