अनुराग लक्ष्य, 10 जनवरी
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
कहते हैं कि रोज़ मर्रा की ज़िंदगी के लिए शुद्ध हवा, स्वच्छ वातावरण और प्रदूषण मुक्त स्थानों का होना अति आवश्यक है। फिर भी इतनी सारी जानकारी के बावजूद हमारे आस पास प्लास्टिक कचरा हर तरफ क्यों बिखरा हुआ दिखाई देता है।
इसकी मुख्य वजह यह है कि बीएमसी की लाख कोशिशों के बावजूद अब भी मुंबई की छोटी बड़ी दुकानों और फेरी वालों कारो बारियों के पास प्लास्टिक थैलियों में वस्तुएं बेची और खरीदी जा रही हैं। इस तरह मुंबई महानगर में तकरीबन रोज़ 6 हज़ार टन से ज्यादा कचरा जमा हो जाता है।
आपको बताते चलें कि आज से 6 साल पहले ही मुंबई में प्लास्टिक थैलियों पर रोक लगाई गई थी, उसके बावजूद बीएमसी इस कचरे की रोकथाम में असमर्थ दिखाई दे रही है।
ताज्जुब की बात यह है कि मुंबई महा नगर पालिका इस कचरे की रोकथाम पर करोड़ों रूपए खर्च करती है, फिर भी इस समस्या का निदान नहीं हो पा रहा है।
सूत्रों के अनुसार मुंबई 2006 की भीषड़ बाढ़ से हुई तबाही की मुख्य वजह प्लास्टिक कचरे को ही ठहराया गया। वजह यह कि प्लास्टिक थैलियाँ कभी सड़ती या गलती नहीं है।