अनुराग लक्ष्य, 8 जनवरी
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता।
मुंबई की लाइफ लाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन देखा जाए तो रोज़ लाखों यात्रियों को उनकी मंज़िल और गंतव्य तक पहुंचाने का काम बखूबी अंजाम देती है।
लेकिन अगर आप कहीं शाम को अपने सफर का आगाज करना चाहते हैं। तो रुक जाइए, ठहर जाए। कत्तई ऐसी गलती मत करिएगा। नहीं तो आपके साथ आपके बच्चे और परिवार के सदस्य उस भीड़ के रेले में कहां पहुंच जाएंगे, यह आपको पता भी नहीं चल पाएगा।
थाने स्टेशन की भीड़ क्राउड को देखते हुए यह कहना पड़ेगा कि थाने स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ पूरी मुंबई पर भारी है।
जितनी संख्या में आप पुरुषों को देखेंगे उतनी ही संख्या आपको महिलाओं की भी दिखेगी। जिसमें रोज़ लाखों लोग अपने अपने ऑफिस, रोजगार और कामकाज के सिलसिले में लोकल ट्रेनों को अपनी मंज़िल तक पहुंचने का हमसफर बना चुके हैं। और सुबह सूरज निकलने के साथ देर रात तक यह यात्रा अनवरत जारी रहती है।