लखनऊ उत्तर प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में प्रदेश के गौ आश्रय स्थलों की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि गोवंश के ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए, ताकि कोई भी गोवंश ठंड के कारण मृत न हो। इसके लिए त्रिपाल, अलाव और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।मंत्री ने कहा कि पशुचिकित्साधिकारी को गौ आश्रय स्थलों पर जाकर गोवंश के स्वास्थ्य, चिकित्सा और औषधि की व्यवस्था पर ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही, केयरटेकर को रातभर गौ आश्रय स्थल पर रुककर आवश्यक कार्यों को पूरा करने का आदेश दिया गया।धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ निराश्रित गोवंश के संरक्षण और संवर्धन के प्रति प्रतिबद्ध हैं, और इसलिए गौ संरक्षण केंद्रों की स्थापना कार्य प्राथमिकता पर पूरा किया जाए। उन्होंने ग्राम्य विकास विभाग और अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने की बात भी कही।इसके अलावा, उन्होंने गोवंश के लिए चारा और पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जनपदों के नोडल अधिकारियों को नियमित निरीक्षण करने का आदेश दिया। मंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि सभी अवस्थापना कार्य फरवरी 2025 तक पूर्ण कर लिए जाएं और इन कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाए।वर्तमान में प्रदेश के 7696 गौ आश्रय स्थलों पर 12,35,700 निराश्रित गोवंश संरक्षित किए गए हैं। मंत्री ने कहा कि यदि किसी भी गौ आश्रय स्थल पर अव्यवस्था या शिकायतें मिलती हैं, तो तत्काल सुधार किया जाए।बैठक में पशुधन विभाग के प्रमुख सचिव के0 रवीन्द्र नायक, विशेष सचिव देवेन्द्र पाण्डेय, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।