दो महीने के लम्बे संघर्ष के बाद मौत को शिकस्त देकर संजय पुरुषार्थी पहुंचे अपनी माँ के आँचल में,,,


अनुराग लक्ष्य, 6 जनवरी
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता ।
आज एक बार फिर यह साबित हो गया कि इस कायनात का चलाने वाला अगर किसी की ज़िंदगी खुशगवार बनाना चाहे तो हालात कैसे भी हों उस इंसान को मौत की खाई से निकाल कर ज़िंदगी की मीनार पर बिठा कर के उसे उरूज़ बख्श देता है, और तब शायद मुझ जैसे शायर और अदीब को इन अशआर का सहारा लेना ही पड़ता है, कि,
,,, सुबह तुझसे है शाम तुझसे है,
है जो मेरा यह नाम तुझसे है।
मौत कबकी निगल गई होती, जब ज़िंदगी की लगाम तुझसे है।
मेरे हाथों में कुछ नहीं है खुदा,
है जो सारा नेज़ाम तुझसे है,,,।
फिलहाल प्रयाग राज और समस्त देश के साहित्य प्रेमियों के लिए यह एका खुशनुमा खबर है कि दो महीने लगातार अपोलो लखनऊ में चल रहे इलाज से वह मुक्त होकर अपने शहर इलाहाबाद प्रयागराज में अपनी माता श्री के आँचल का सानिध्य प्राप्त कर चुके हैं। लेकिन इसी के साथ एक सच्चाई यह भी है कि,
,,,कुछ रिश्तों ने अपनो को ही मारा , कुछ के रिश्तों ने अपनों को उबारा ,,,
सुप्रसिद्ध उद्घोषक,कवि,वरिष्ठ साहित्यकार. पर्यावरणविद्, ग्रीन विजन प्रोडक्शन के प्रोड्यूसर डायरेक्टर तथा ग्लोबल ग्रीन्स परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री संजय पुरुषार्थी भाई जी जो दो माह तक अपोलो हॉस्पिटल लखनऊ में जीवन एवं मृत्यु के झंझावात से अंततःविजयी की मुद्रा में रविवार को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अपनी कर्मभूमि प्रयागराज अपने परिवार के साथ वापस पधारे l चूंकि इस घटना के पश्चात् संभवतः ऊपर वाले ने उन्हें नवजीवन प्रदान कर हम सभी शुभचिन्तकों की प्रार्थना को स्वीकार कर बहुत बड़ी कृपा की है l इस “पुनर्प्राप्ति” जीवन के लिए ईश्वर का आभार प्रकट करते हुए उनके सकुशल वापसी दिवस को “ईश्वर प्रदत्त पुनर्जन्म दिवस” के रूप में नगरवासियों एवं हित मित्र तथा उन्हें चाहने वाले सभी लोगों ने मिलकर उत्सव का स्वरूप दिया l
“संजय पुरुषार्थी जी भाई” के मुखमण्डल व ललाट पर दुख, पीड़ा, चिंता एवं अविश्वास के भाव को दूर करने के लिए सर्वप्रथम वे अपने परिवार व ग्लोबल ग्रीन्स परिवार सहित सीधे दारागंज स्थित दशाश्वमेध घाट पहुंचे जहां उन्होंने मां गंगा का विधि विधान से पूजन अर्चन कर नया जीवन प्रदान करने के लिए मां गंगा के प्रति अपनी भावपूर्ण कृतज्ञता व्यक्त की तत्पश्चात उन्हीं के निज निवास केदार कुंज टैगोर टाउन पर आगमन काल के अवसर पर भारतीय संस्कृति विधान से उनका अभिनंदन करते हुए उन्हें प्रसन्नता दे कर प्रारब्ध की पीड़ा को कम करने का प्रयास करने का प्रयास किया गया l
सभी ने अपने शुभचिंतक श्रेष्ठ व जीवट व्यक्तित्व के लिए *5 जनवरी 2025* रविवार को अपराह्न/सांयकाल 3.00 बजे उनके निवास पर पहुंचने पर पुष्पवृष्टि- मल्यार्पण कर के अभिनंदन उनके नवजीवन प्राप्ति पर ईश्वर का आभार प्रकट किया l उक्त कार्यक्रम का कुशल संयोजन अवधेश निषाद ने किया l
“ग्लोबल ग्रीन्स” कार्यालय (निज निवास)पर उपस्थित होने वालों में सर्वप्रथम उनकी वयोवृद्ध मां सावित्री श्रीवास्तव पुत्री यशी, पुत्र अलंकृत विशू दामाद सौरभ सिंह, गायक नीरज सिंह, गायक मनोज गुप्ता जी गायिका स्वाति निरखी, गायिका लक्ष्मी श्रीवास्तव पलक, राजेश श्रीवास्तव, अमित शर्मा, विनोद मिश्रा आशीष मालवीय, डॉ शैलेन्द्र पंकज,शायरा मिस्बाह इलाहाबादी, जूही श्रीवास्तव, पं.विभूति नारायण पाण्डेय एडवोकेट गीता सिंह,राजेश्वर श्रीवास्तव,सौम्या,अनीता,ज्योति, सुनीता पाल,मंजू,समीर जैन,विवेक मिश्रा,अतुल जयसवाल, एडवोकेट अनुपम लोरिया, फारुख सलमानी, अविनाश यादव, भोला यादव कविता चौरसिया, अतुल सोनकर, अंकित जैन, अजय प्रजापति, एजाज़ खान, राजू जयसवाल,गोपाल जी उपाध्याय कवयित्री राधा शुक्ला, हिन्दी साहित्य सम्मेलन के प्रधानमंत्री कुंतक मिश्रा कवयित्री डॉ गीता सिंह, कवि अमित जौनपुरी,सुरेश सिंह, शेष नारायण शुक्ला सहित तमाम संस्थाओं के पदाधिकारियों और नगर वासियों की भारी संख्या में उपस्थिति रही।