अनुराग लक्ष्य, 4 दिसंबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी,,,
मुम्बई संवाददाता।
यही सच है कि जब जब कुदरत मेहरबान होती है तो अपने अनमोल खज़ानों का पता देती है। और उन्हीं अनमोल खज़ानों में एक ख़ज़ाने का नाम है, दुनिया ए अदब जिसे पूनम विश्वकर्मा के नाम से जानती और पहचानती है।
अवसर था मध्य प्रदेश धरती निमाड़ में आयोजित विश्वकर्मा महापुराण कथा का आयोजन। जिसमें भजन गायिका का विशेष प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस अवसर निमाड़ के साईं मैरेज गार्डन में खचाखच भरे पांडाल में आयोजित जब पूनम विश्वकर्मा के भजनों की प्रस्तुति शुरू हुई तो पांडाल में तालियों की गड़गड़ाहट के साथ जयकारों की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
इस अवसर पर मोबाइल द्वारा हुई बातचीत पर पूनम विश्वकर्मा ने अपने दिल का उदगार किया और बताया कि मैं यहां मध्य प्रदेश की धरती पर तीसरी बार मुख्य रूप से आमंत्रित हुई थी। मुझे हमेश की तरह निमाड़ की जनता ने बहुत प्यार और स्नेह दिया है। जो मेरी ज़िंदगी का बहुत बड़ा खज़ाना है।
विशेष रूप से आयोजिक मंडली की तरफ से जो मुझे सम्मान मिलता है। मैं सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं।