भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं प्रौद्योगिकी स्थापना दिवस मनाया गया गया

बस्ती  – कृषि विज्ञान केंद्र पर 95वें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्थापना एवं प्रौद्योगिकी दिवस का सजीव प्रसारण देखा गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चन्दो ग्रामसभा के ग्राम प्रधान कुंदन सिंह ने इस अवसर पर सभी को बधाई देते हुए बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र बस्ती, किसानों का मंदिर है और इस मंदिर में जनपद के किसानों को आना चाहिए और यहां की तकनीक अपनाना चाहिए। इस मौके पर प्रतिभाग कर रहे कृषक एवं कृषक महिलाओं को सब्जी बहुत भी मुख्य अतिथि द्वारा वितरित किया गया, जिसमें जनपद के 112 कृषक एवं कृषक महिलाओं ने प्रतिभाग किया। इस मौके पर भारतीय कृषि, कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा विभिन्न कृषि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषि वैज्ञानिकों एवं कृषक महिलाओं को पुरस्कृत किया गया।

केंद्र के अध्यक्ष डॉ. एस. एन. सिंह ने इस मौके पर सभी को बधाई देते हुए अपने संबोधन में कहा कि देश की कृषि व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु वर्ष 1929 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना की गई थी, जिसके देख-रेख में पूरे भारत में खाद्यान्न उत्पादन फल, सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य उत्पादन आदि में अत्यधिक उत्पादन करके विश्व में अपनी एक अलग पहचान बनानी है तथा कृषकों को आत्मनिर्भर बनाना है। आज के समय भारत इतनी बड़ी जनसंख्या को भरपेट भोजन उपलब्ध करा रहा है साथ ही साथ विश्व के विभिन्न देशों को खाद्यान्न आयात भी कर रहा है।

केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पशु विज्ञान डॉ. डीके श्रीवास्तव में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 95वें स्थापना दिवस पर सभी को हार्दिक बधाई देते हुए अवगत कराया कि पशुपालन के क्षेत्र में बहुत सी नवीनतम तकनीकियों को विकसित की गई हैं, जिसे अपनाकर बेरोजगार नवयुवक युवतियों, दूध उत्पादन प्रसंस्करण मांस एवं अंडा उत्पादन आदि करके स्वरोजगार के साथ-साथ अधिक आय अर्जित कर सकें।

केंद्र के पौध सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ. प्रेम शंकर ने सभी को बधाई देते हुए कृषकों को प्राकृतिक खेती अपनाने को कहा। वैज्ञानिक डॉ. बी पी सिंह ने भी कृषकों को 95वें स्थापना दिवस के मौके पर सभी को बधाइयां देते हुए मोटे अनाज श्रीअन्न की खेती के उत्पादन तकनीकों को विस्तार से अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे 112 कृषक एवं कृषक महिलाओं को फल, पौधे एवं सब्जी वितरित की गई।

 

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