अनुराग लक्ष्य, 18 नवंबर
सलीम बस्तवी अज़ीज़ी
मुम्बई संवाददाता।
कितने खुशकिस्मत हैं वोह लोग जो इस सरजमीन पर अल्लाह के घर को आबाद करते हैं। और अपनी बंदगी के लिए मस्जिद को आबाद करते हैं। अल्लाह के घर को तामीर करने का मतलब जन्नत में अपने घरौंदे को तामीर करना।
खुशी की बात है कि सीतामढ़ी बिहार के बाथ असली की सरजमीन पर पुरानी मस्जिद की जगह अब नई मस्जिद तामीर होने जा रही है। जिसकी बुनियाद आने वाले 10 दिसंबर को खलीफा ए महाराष्ट्र हुज़ूर ताजुश्शरिया हज़रत ए मुफ्ती अशरफ रज़ा कादरी मुंबई के हाथों होना निश्चित हुआ है।
जिसमें लोग इस नई मस्जिद के तामीर में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले हैं।
इस मौके पर एक अजीमुश्शान जलसे का भी एहतमाम किया गया है। जिसमें बतौर मेहमान ए खुसूसी हज़रत ए अल्लामा मौलाना अजहरुल कादरी साहब ख़तीब ए हिंदुस्तान पुखरैरा शरीफ अपनी रूहानी खेताब से आवाम को बेदार करेंगे।
यह जानकारी रज़ा मस्जिद के सेक्रेट्री मुहम्मद जाहिद साहब ने दी। इनके अलावा हाफिज मुहम्मद इकराम साहब सहित मुहम्मद नियाज़, मुहम्मद कलाम और मुहम्मद शाहिद साहब का इस मस्जिद की तामीर में अहम योगदान है।