जीएसटी को ईडी के दायरे में लाने के विरोध में सपा ने राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

– कानून न बदला तो व्यापारी होेंगे उत्पीड़न का शिकार-रघुनन्दन राम साहु

बस्ती । समाजवादी पार्टी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष रघुनन्दन राम साहु के नेतृत्व में पार्टी नेताओेें, कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल के आवाहन पर जिलाधिकारी के प्रशासनिक अधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। मांग किया कि जीएसटी को पीएमएलए (ईडी) के अर्न्तगत न लाया जाय, इससे व्यापारियोें का आर्थिक दोहन और उत्पीड़न बढेगा।

ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार केन्द्रीय वित मंत्रालय (राजस्व विभाग) द्वारा एक अधिसूचना जारी कर गुड्स एण्ड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत डाल दिया गया है, यह धारा 66 की उपधारा (1) के खण्ड (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए शामिल करने का फैसला लिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब जीएसटी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सीधा दखल दे सकेगी।

ज्ञापन सौंपने के बाद सपा नेता रघुनन्दन राम साहु ने कहा कि जीएसटी में दखल हो जाने से षड्यंत्र के तहत किसी फर्म, व्यापारी या संस्था के खिलाफ सीधे कार्यवाही कर सकती है, जिसके तहत सरकार या सार्वजनिक प्राधिकरण को व्यापारियों द्वारा कानूनी तरीके से कमाए गए धन और संपत्ति को जब्त करने का अधिकार दिया गया है। यह स्थितियां बहुत खतरनाक है। यह निर्णय व्यापारी विरोधी है और उनका मनमाना उत्पीड़न बढेगा। कहा कि यह निर्णय सरकार के व्यापारी समस्याओं के प्रति संवेदनहीनता को उजागर करती है, इससे इंस्पेक्टर राज और भ्रष्टाचार बढ़ेगा, जिससे व्यापारी अपना व्यापार बंद करने को मजबूर हो जाएंगे। पहले से ही व्यापारियों को बर्बाद करने वाली विसंगतिपूर्ण और जटिल जीएसटी को अब ईडी के तहत लाने के सरकार के फैसले से व्यापारी और तबाह हो जायेगा।

ज्ञापन देने वालों में सपा नेता सौरभ गुप्ता, हर्ष बथवाल, सौरभ अग्रहरि, इकबाल अहमद ‘काजू’, हरिवंश कुमार, राम सजीवन, हनुमान प्रसाद गौड़, अर्पित सिंह, रवि गुप्ता, सनी साहू, इरशाद खान, मोहम्मद शाद, युनूस आलम, अभय जायसवाल, रहमान सिद्दीकी ‘शानू’, हबीब अंसारी आदि शामिल रहे।

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