लखनऊ :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज गोरक्षनाथ मन्दिर परिसर, गोरखपुर में शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि पर कन्या पूजन के उपरान्त मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। उन्होंने प्रदेशवासियों को शारदीय नवरात्रि तथा दशहरा पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सनातन धर्म की परम्परा में आज शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि है। समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि पर जगत जननी मां भगवती के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। देश व दुनिया के सनातन धर्मावलम्बी वर्ष में दो बार वासन्तीय तथा शारदीय नवरात्रि के अवसर पर जगत जननी मां भगवती दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना करते हैं। यह आयोजन विभिन्न पर्व व त्योहारों की हमारी समृद्ध परम्परा की ओर सबका ध्यान आकर्षित करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज के दिन पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की प्रतीक कुंवारी कन्याओं के पूजन की परम्परा है। यह हम सबके लिए गौरव का क्षण है, जब हम शारदीय नवरात्रि में आठ दिनों के अनुष्ठान के उपरान्त महानवमी तिथि पर गोरक्षपीठ में कुंवारी कन्याओं के पूजन के कार्यक्रम के साथ जुड़ रहे हैं। यह यहां की एक आदि परम्परा है। यहां सैकड़ों की संख्या में बच्चे आए हैं। अभी उनके पूजन का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ है। इसके पश्चात उनके भण्डारे का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। उन्हें गोरक्षपीठ की इस पवित्र परम्परा के साथ पुनः जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ है। देश व दुनिया के सनातन धर्मावलम्बी भी इस परम्परा के साथ हर्षोल्लास के साथ जुड़ रहे हैं तथा शक्ति आराधना की प्रतीक आधी आबादी के प्रति सम्मान का भाव रख रहे हैं।
भारतीय समाज प्राचीन काल से ही मानता रहा है कि ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ अर्थात् जहां नारी की पूजा तथा सम्मान होता है, वह समाज स्वयं ही समर्थ तथा शक्तिवान बन जाता है। वहां दैवीय शक्तियां विराजमान होकर मनोकामनाओं की पूर्ति में सहयोगी बनती हैं। शारदीय नवरात्रि का पर्व आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलम्बन की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। यदि आधी आबादी का सम्मान व सशक्तिकरण होगा तो समाज स्वयं ही समर्थ और शक्तिवान होगा। आधी आबादी की सुरक्षा के साथ पूरे समाज की सुरक्षा जुड़ी हुई है। इस प्रकार का वातावरण बनाना हम सब की जिम्मेदारी है। यदि हम आधी आबादी की सुरक्षा, स्वावलम्बन तथा गरिमा के लिए मिलकर कार्य करेंगे, तो हमारा देश, प्रदेश तथा समाज निश्चित ही उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सफल होगा, जो प्रत्येक नागरिक के चेहरे पर खुशहाली लाने में सक्षम होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कल विजयादशमी का पर्व है। विजयादशमी पर्व रावण पर प्रभु श्रीराम की विजय के उपलक्ष्य में उल्लास स्वरूप मनाया जाता है। रावण त्रेता युग का एक बलशाली राजा था। वह धर्म तथा असत्य का प्रतीक था। प्रत्येक सनातन धर्मावलम्बी दशहरा पर्व पर जहां एक ओर रामलीलाओं के माध्यम से प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक के कार्यक्रम के साथ जुड़ेगा, वहीं दूसरी ओर अत्याचारी रावण के पुतले के दहन की परम्परा का भी हिस्सा बनेगा।
जब शक्ति की साधना होगी, तो स्वाभाविक रूप से सिद्धि के रूप में विजय श्री अवश्य प्राप्त होगी। जो समाज अपनी आधी आबादी का सम्मान तथा सशक्तिकरण करेगा वह स्वयं भी विजय श्री का वरण करेगा। यह पर्व इस बात की प्रेरणा प्रदान कर रहा है। हमारी सनातन धर्म की परम्परा इतनी पवित्र तथा उदात्त रही है कि इसने प्रत्येक महत्वपूर्ण पर्व व त्योहार को समाज को आगे बढ़ने के लिए नई प्रेरणा प्रदान करने का माध्यम बनाया है।\