टांडा। समाजसेवी व पत्रकार सय्यद दानिश मेहंदी की वालदा मरहूमा कनीज़ सय्यदा की मजलिस-ए-चेहलुम राजा का मैदान स्थित हुसैनी हाल में आयोजित की गई। पहली मजलिस को मौलाना सैयद शब्बर हुसैन इमाम-ए-जुमा नरही लखनऊ ने खिताब करते हुए कहा कि इस्लाम भोग विलास में डूबे हुए शासकों का मज़हब नहीं है बल्कि इन्सानियत के लिए त्याग व बलिदान देने वालो का दीन है। उन्होंने कहा इस्लाम शराबी,दौलत के नशे में चूर व्यक्ति व गुरूर करने वालों से सलाम करने को भी मना करता है। मौलाना ने कहा कि हमारे सामने सीरत-ए-हजरत अली नमून -ए-अमल है।मौला अली की चार साल की हुकूमत आज के शासकों के लिए नमून-ए-अमल है,जहां कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं रहा।दूसरी मजलिस को मौलाना सैयद नूरुल हसन इमाम-ए-जुमा मछ्ली गांव ने सन्निकट मोहर्रम माह के मद्देनजर अजादारी में आपसी सौहार्द भाईचारा व एकता का पैगाम देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा नमाज व अजादारी रिजा-ए-इलाही के लिए की जानी चाहिए। इससे पूर्व साकिब अहमद उर्फ मुन्ना व हमनवा ने मर्सिया ख्वानी किया। गुलाम मुर्तजा,कल्बे जाफर व अन्य शोरा-ए-कराम ने पेशख्वानी किया। उक्त अवसर पर मौलाना सैयद महताब हुसैन राजा काजिम रज़ा नजमी,अहमद मेहंदी,आरिफ हसन साजिद रज़ा, शाहिद रज़ा एडवोकेट,शब्बर अब्बास, मसरूर अब्बास,अली असकरी नकवी आसिफ हसन, इब्ने अली जाफरी,रामपूजन, प्रदीप,आलम खां पत्रकार ,ज़हीर अब्बास,शादान अब्बास,कामरान अब्बास समेत तमाम लोग मौजूद रहे। संचालन मौलाना गुलाम मुर्तजा इमाम -ए-जुमा अरसावां ने किया। आयोजक रिजवान हुसैन ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।