इंदौर, कोर्ट ने इंदौर 2019 में हुई एक शादी को शून्य घोषित कर दिया है। कोर्ट ने माना कि लडक़ी के पिता ने बेटी की मानसिक हालत को दूल्हे से छिपाया। दुल्हन के रिएक्ट करने का तरीका और चल रहा इलाज इस बात के प्रमाण हैं कि दुल्हन शादी से पहले से ही मानसिक रोगी है। इसके बावजूद परिवार ने उसकी शादी करा दी। उसे न दांपत्य के संबंध में जानकारी है और न ही शादी को लेकर जवाबदारियां पता हैं। फैसले से पहले लडक़ी के पिता ने कोर्ट में दलील दी कि लडक़ी ठीक है, सिर्फ स्लो मूवमेंट करती है। हालांकि कोर्ट ने यह दलील खारिज करते हुए दूल्हे के पक्ष में फैसला सुनाया है। इंदौर में रहने वाला 32 साल का मुकेश शदी करना चाहता था। 2019 में मेट्रोमोनियल वेबसाइट के जरिए उसकी बातचीत ग्वालियर की रहने वलाी 34 साल की युवती से हुई। मुकेश ने शादी का प्रपोजल दिया और मिलने की बात कही। युवती ने जवाब दिया कि हमारे यहां शादी या रिश्ते से पहले मेल-मुलाकात की परंपरा नहीं है। इसके बाद दोनों के परिवार आपस में मिले। सगाई तय हो गई। सगर्इा वाले दिन युवती को सिर्फ कुछ देर के लिए सामने लाया गया। महिलाएं उसे घेरकर ही साथ रहीं। सगाई के बाद तुरंत वापस भी ले गईं। लडक़ी से किसी को बातचीत भी नहीं करने दी गई। लडक़ी के पास पर्सनल फोन नहीं था। मुकेश की लडक़ी के पिता के नंबर पर ही कॉल करना पड़ता था। लडक़ी से बात कराने का कहता तो बहाने बना देते। सगाई के बाद भी मुकेश और लडक़ी की कॉल पर बात नहीं होती थी। कुछ दिन बाद लडक़ी के घरवालों ने शादी के लिए दबाव बनाना शुरु कर यिदा। 12 दिसम्बर 2019 को शादी कर दी गई। दुल्हन बनकर लडक़ी इंदौर में शादी वाली रात ही ससुराल आ गई। रात को मुकेश अपने कमरे में पहुंचा तो प्रिया एक कोने में बैठी थी। उसने देखा तो बिस्तर पर गंदगी फैली हुई थी। कारण पूछा तो लडक़ी ने कोई जवाब भी नहीं दे रही थी। मुकेश के घरवालों को बताया, फिर लडक़ी के पिता को फोन कर पूरी बात बताई। पिता ने कहा कि ग्वालियर से इंदौर दूर है। बेटी ने कभी इतना लंबा सफर नहीं किया, ठंड की वजह से पेट खराब हो गया होगा। यह कहकर बात रफा-दपुा करने की कोशिश की गई। विदाई में दुल्हन के बुआ का 35 साल का लड़ का आया था। अमूमन कोई ल ड़ की आती है, लेकिन यहां बुआ के लडक़े को भेजा गया था। वह भी पूरी घटना पर मुकेश से कुछ नहीं बोला और खुद हीर आकर कमरे और बेड की सफाई करके चला गया। यहां पता चला कि लडक़ी की रोजाना देखभाल और उसके नित्यकर्म में बुआ का लडक़ा ही मदद करता है। घर में दूल्हे के रिश्तेदार रुके हुए थे, इसलिए एबकुछ समझकर भी चुप रह गए। दो-चार दिन बाद जब सब चले गए तो पता चला कि दुल्हन लगातार ऐसा कर रही है। वह खुद अपने दैनिक कामों में सक्षम नहीं हे। इस पर प्रिया के पिता को उसे ग्वालियर ले जाने को कहा गया। इस पर जवाब मिला कि पौस मास लगने से लड़कियां शादी के बाद नहीं बुलाई जाती। बेटी दे दी है। शादी के बाद जैसी मर्जी वैसा रखो । डॉक्टर को दिखाने का भी मना कर गए – मामला बिगड़ते देख मुकेश के घरवालों ने कहा कि प्रिया को डॉक्टर को दिखा देते हैं। पुरानी बीमारी पता करने के लिए उसके पिता को फोन किया तो उन्होंने कहा कि मां की मौत के बाद लडक़ी का दिमाग खराब हो गया है। वह आए दिन सदमे में चली जाती है। किसी डॉक्टर को मत दिखाना। उसका इलाज चल रहा है। दुल्हन के पिता कसे दवाई की पर्ची और इलाज के कागज मांगे तो मना कर दिया। उलटा यह कह दिया कि यदि कुछ गलत किया तो दहेज के झूठे केस में फंसवाकर जेल भिजवा दूंगा। इस पर अगले ही दिन दूल्हा मुकेश और उसके घरवाले लडक़ी को लेकर ग्वालियर पहुंच गए और उसे वापस रखने की बात कही। दुल्हन के पिता, बड़े भाई और चाचा ने मारपीट की। किसी तरह जान बचाकर दूल्हाा और घरवाले थाने पहुंचे, लेकिन थाने पर शिकायत नहीं लिखी गई। ससुराल वालों को पता चल गया था कि दुल्हन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।