बाढ़ चौकियां सक्रिय, सरयू के जलस्तर पर नजर

आपदा प्रबंधन की ओर से किया जा रहा जागरूक

-ज्यादा बारिश से मनोरमा, कुआनों भी करतीं हैं प्रभावित 

बस्ती। जिले में लगातार बारिश शुरू होने और सरयू के जलस्तर में उतार-चढ़ाव के साथ प्रशासनिक सक्रियता भी बढ़ गई है। बाढ़ चौकियों व कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है। कछार में रह रहे लोगों को आपदा प्रबंधन की ओर से जागरूक किया जा रहा है। जिले में बाढ़ का सबसे ज्यादा प्रभाव सरयू के जलस्तर का पड़ता है। इसके साथ ही ज्यादा बारिश होने पर मनोरमा, कुआनों भी कुछ इलाके में प्रभाव डालती है। जिला आपदा विशेषज्ञ रंजीत रंजन के मुताबिक सरयू में खतरे का निशान 92.730 मीटर है जो अभी दूर है। हर्रैया व सदर तहसील में सरयू की बाढ़ का सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। 

इन बाढ़ चौकियों पर बढ़ी सक्रियता

सरयू में वाटर लेबल के उतार-चढ़ाव के मद्देनजर क्षेत्र के रानीपुर बंधा,प्रावि फूलडीह,भौसिया डाकबंगला, ठोकर नं.दस प्रावि बदरिया लोहार,टेढ़वा अशोकपुर बंधा, अराजीडूही धरमूपुर मुस्महकम बंधा,बैरागल बंधा टकटकवा, प्रावि ऊंजी मुस्तहकम, जूहा हलुआ, कुशमौरडीह व महारदेउवा में बाढ़ चौकी की सक्रियता बढ़ा दी गई है।

 

सेना, अर्धसैनिक बल व पीएसी के लिए स्थान आरक्षित

बाढ़ से निबटने के लिए सात स्थानों को सेना, अर्धसैनिक बल व पीएसी के लिए आरक्षित किया गया है जिसमें स्वामी विवेकानंद इंटर कालेज दुबौलिया,रामदास उदयप्रकाश इंटर कालेज भटपुरवा, बाल्मीकी इंटर कालेज विक्रमजोत, अशोक इंटर कालेज छावनी, जयप्रभा इंटर कालेज भियुरा, कृषक इंटर कालेज सूदीपुर, प्रावि सेमरा मुस्तहकम शामिल हैं। 

 

जिले में बारिश और सरयू में संभावित वृद्धि के मद्देनर सभी तहसीलों को नजर रखने और व्यवस्था का निर्देश दे दिया गया है। बहरहाल अभी बाढ़ की स्थिति नहीं है। बाढ़ चौकियां सक्रिय कर दी गई हैं। बाढ़ शरणालय के साथ राहत सामग्री और जानवरों के लिए चारे भूसे की व्यवस्था के लिए टेंडर करा लिया गया है। पूरी तैयारी है। -कमलेश चन्द्र बाजपेयी,अपर जिलाधिकारी

 

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